भिंड  मध्य प्रदेश के भिंड जिले के इंदुर्खी गांव में नकली शराब पीने के बाद दो सगे भाइयों समेत चार लोगों की मौत का मामला सुर्खियों में है। एक दिन पहले इस मामले में एसपी शैलेंद्र सिंह चौहान ने तत्काल दो थाना प्रभारियों को सस्पेंड और पांच जवानों को लाइन अटैच कर दिया था और अब एसपी ने पूरे मामले की तहकीकात के लिए एसआईटी गठित की गई है। एसआईटी टीम ने मामले में पहली सफलता हासिल की है। इंदरुखी गांव में सरपंच चुनाव के लिए तैयार की गई 10 पेटी नकली शराब को एसआईटी ने छापा मार जब्त किया है। साथ ही एसआईटी ने एक आरोपी को भी दबोच लिया है। सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए आरोपी से पुलिस को अहम जानकारियां मिली हैं।

यह है पूरा मामला

जिले के रौन थाना इलाके के इंदुरखी गांव में बीते तीन दिन पहले दो सगे भाई मनीष जाटव और छोटू जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मामला सामने आया था। आशंका जताई गई थी कि दोनों की मौत जहरीली शराब से हुई है। इसी बीच एक दिन बाद पप्पू जाटव और संतोष जाटव की संदिग्ध परिस्थितियों में अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मृतक पप्पू जाटव और संतोष जाटव ने भी बीती रात शराब पी थी, जिसके बाद उसके पेट में दर्द होने के चलते अस्पताल ले जाया जा रहा था, जहां दोनों मौत हो गई। इस पूरे मामले में अभी तक 4 लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लोग अभी भी गंभीर रूप से ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में भर्ती है। इस पूरे मामले को लेकर के भिंड पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान रौन थाना प्रभारी उदय भान सिंह यादव और शहर कोतवाली थाना प्रभारी राजकुमार शर्मा और इंदुरखी चौकी बीट पर तैनात पांच जवानों को भी को निलंबित कर दिया है।

जांच के लिए सागर लैब भेजा गया मृतकों का बिसरा

पुलिस अधीक्षक ने बताया है कि बीते दिनों शहर कोतवाली इलाके के स्वतंत्र नगर के पास अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ी गयी थी और उसके बाद यह जानकारी आ रही थी कि यही शराब रौन थाना इलाके के इंदुरखी गांव तक पहुंची थी। इसके पीने से चार मौतों के मामले सामने आने के बाद जहरीली शराब की जांच के लिए मृतकों के बिसरा को जांच के लिए सागर लैब भेजा गया है।

बताया जा रहा है कि मृतक सगे दोनों भाई मनीष जाटव और छोटू जाटव भिंड के स्वतंत्र नगर में बनाई जा रही अवैध शराब की पैकिंग करने आए थे। हाल ही में स्वतंत्र नगर के पकड़ी गई शराब की फैक्ट्री के मामले ने भी काफी तूल पकड़ा था। देहात और शहर कोतवाली थाना प्रभारी एक दूसरे के पाले में मामले को डालते रहे थे। सूत्रों की मानें तो मृतक अवैध शराब कारोबार में लिप्त थे, इसी वजह से परिजन किसी प्रकार की बात नहीं कर रहे हैं।