जबलपुर। भारी बगावत की संभावना से जूझ रहे कांग्रेस के लिये अंतिम समय में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा संजीवनी बनकर सामने आया. देर रात राजसभा सदस्य, विवेक तंखा, और महापौर पद के प्रत्याशी जगत बहादुर सिंह अन्नू ने तंखा के निवास पर टिकिट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय उम्मीदवार के रुप में फार्म भरने वालें या कांग्रेस से ही पर्चा भरने के बाद जिनकी नाम वापिस न होने पर वह निर्दलीय घोषित हो जाते ऐसे सभी प्रत्याशियों से चर्चा की। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए। करीब-करीब ९० फीसदी बागियों ने अपने नाम वापस ले लिए। नाम वापस लेने वालों में पूर्व पार्षद ताहिर अली, छविकरण टीकाराम कोष्टा, संजय शर्मा, आनंद चौहान, अंशिता सोनी, अभिषेक यादव सहित करीब २५ नाराज नेताओं ने श्री तन्खा के समझाने पर अपना नाम वापस ले लिया. जानकारी के मुताबिक की श्री तन्खा ने मंगलवार देर रात तक और बुधवार दोपहर तक बागियों से बंद कमरे में मुलाकात कर समझाने का प्रयास किया. तन्खा के प्रयास काफी हद तक सफल भी हुये. जिसके वार्ड कांग्रेस प्रत्याशियो, विधायकों एवं संगठन ने राहत की सांस ली. राज्यसभा सांसद ने कहा कि कांग्रेस में किसी भी तरह के बगावत नहीं है, सभी कांग्रेस कार्यकर्ता एकजुट होकर जबलपुर महापौर सहित पार्षदों को जिताने में जुट गए हैं।