घरेलू बाजार में कीमतें बढ़ने के कारण भारत द्वारा गेहूं निर्यात पर लगाई गई पाबंदी का अमेरिका ने विरोध किया है। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने आशंका जताई है कि भारत के कदम से विश्व में खाद्य संकट बढ़ सकता है। इस बीच, भारत सरकार ने आज गेहूं के निर्यात पर पाबंदी के आदेश में मामूली ढील दे दी। ग्रीनफील्ड ने कहा कि हमने गेहूं निर्यात पर रोक को लेकर भारत के फैसले की रिपोर्ट देखी है। हम विभिन्न देशों को निर्यात को प्रतिबंधित नहीं करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं, क्योंकि हमें लगता है कि निर्यात पर किसी भी पाबंदी से खाद्यान्न की और ज्यादा कमी हो जाएगी। भारत के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस पर विचार होगा। उम्मीद है कि भारत रोक हटाने पर पुनर्विचार करेगा। भारत सरकार ने गत दिनों बड़ा फैसला लेते हुए गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। गेहूं को निर्यात की प्रतिबंधित श्रेणी में रखा गया है। सरकार की ओर से कहा गया है कि देश की खाद्य सुरक्षा के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है। साथ ही पड़ोसी देशों और गरीब देशों को समर्थन करने के लिए भी ऐसा करना जरूरी था। मंगलवार को केंद्र सरकार ने गेहूं निर्यात पर रोक के आदेश में मामूली ढील दे दी। सरकार ने निर्यात के लिए 13 मई के पहले कस्टम्स परीक्षण के लिए सौंपी गई या पंजीकृत गेहूं की खेपों को निर्यात की इजाजत दी जाएगी।