नई दिल्ली । मोदी सरकार बैंकिंग और साइबर फ्रॉड रोकने के लिए बड़ी तैयारी में जुटी है। जल्द ही इसके लिए कानून में बदलाव कर सख्त नियम बनाया जाएगा। इसबारे में शुक्रवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि टेलीकम्यूनिकेशन बिल 2022 में कई बड़े प्रावधान होगा, जिससे लोगों को फ्रॉड से बचाने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब किसी के पास कोई फ्रॉड कॉल आती है, तब कॉलर के बारे में पता नहीं होता। लेकिन आने वाले समय में इस तरह का प्रावधान होगा, जिससे कि कॉलर के बारे में कॉल रिसीव करने वालों को पता चलेगा।
केवाईसी यानी नो योर कस्टमर व्यवस्था के तहत हर किसी को अपने अकाउंट की जानकारी सर्विस प्रोवाइडर को देनी होती है। केवाईसी की इस प्रक्रिया को मजबूत किया जा रहा है। अगर कोई अपने बारे में सर्विस प्रोवाइडर को गलत या गुमराह करने वाली जानकारी देता है, तब उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
देश के कई इस हिस्से हैं जहां साइबर और बैंकिंग फ्रॉड बहुत ज्यादा रिपोर्ट हो रहा है। इसपर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार गंभीर है। इस नए बिल में होने वाले प्रावधानों से बैंकिंग फ्राड और साइबर क्राइम को रोकने में मदद मिलेगी। वैष्णव ने कहा कि फ्रॉड में पकड़ने पर आरोपी के खिलाफ सख्त से कार्रवाई का प्रावधान नए बिल में किया जाएगा।
इसके अलावा ओटीटी प्लेटफॉर्म भी रेगुलेटर के अधीन होगा। इस पूरे मामले पर फिलहाल विचार विमर्श चल रहा है। इंडियन टेलीकॉम ड्राफ्ट बिल 2022 मौजूदा इंडियन टेलीग्राफ एक्ट 1885, वायरलेस टेलीग्राफ एक्ट और टेलीग्राफ वायर्स एक्ट की जगह लेगा। अभी इस पर लोगों से सुझाव मांगे गए हैं, आने वाले दिनों में इस नए बिल को संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाएगा।