अम्बिकापुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री टीएस सिंहदेव एवं स्वास्थ्य सचिव आर प्रसन्ना ने सोमवार को 4 नवजात शिशुओं की मृत्यु के कारणों तथा अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की बारीकी जानने एसएनसीयू अम्बिकापुर पहुंचे। करीब 1 घंटे तक शासकीय चिकित्सा महाविद्यलय संबद्ध एसएनसीयू में कलेक्टर, एसपी, मेडिकल कालेज के डीन, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, सीएमएचओ, अस्पताल कंसल्टेंट, एचओडी तथा ड्यूटी डॉक्टर की उपस्थिति में 4 नवजातों की मृत्यु के सम्बंध में विस्तार से जानकारी लेते हुए एक-एक पहलू पर पूछ-ताछ की। उन्होंने नवजातों की मृत्यु को संवेदनशील व गम्भीर बताते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाई करने तथा 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी उस पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान रायपुर के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ खण्डेलवाल ने एसएनसीयू के वेंटिलेटर एवं वॉर्मर का जांच कर स्थिति का जायजा लिया। जांच में सभी उपकरण सही काम करते हुए पाया गया।
वरिष्ठ चिकित्सक भी रहेंगे अब रात्रि विजिट में- स्वास्थ्य मंत्री ने पूछ-ताछ के दौरान रात्रि में वरिष्ठ चिकित्सकों के द्वारा भ्रमण नहीं करने की स्थिति को लेकर गंभीरता दिखाते हुए अब प्रतिदिन एक वरिष्ठ चिकित्सक की रात्रि विजिट हेतु मासिक ड्यूटी चार्ट बनाने के निर्देश दिए तथा ऑन कॉल पर शीघ्र पहुंचने कहा। उन्होंने मेडिकल कॉलेज के डीन एवं चिककित्सा अधीक्षक को कड़ाई से मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज के कितने डॉक्टर प्रायवेट प्रैक्टिस करते हैं और कितने निजी अस्पताल को रिफर करते हैं उसकी सूची तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रबंधन की सक्रियता जरूरी- स्वास्थ्य मंत्री ने विद्युत पैनल खराब होने व जिम्मेदारों के द्वारा सक्रियता न दिखाने को लेकर कहा कि प्रबंधन को संजीदगी के साथ सक्रियता दिखानी होगी। जो भी समस्या है उसे उच्च अधिकारी को तत्काल जानकारी दें तथा संबंधित अधिकारी समस्या का समाधान शीघ्र करें। प्रशासनिक कारणों से समस्या उत्पन्न होना व समय पर निराकरण में लापरवाही क्षम्य नहीं होगी। अस्पताल के किसी भी काम को हल्के में न लें। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ रमणेश मूर्ति ने बताया कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबंध चिकित्सालय अम्बिकापुर के एसएनसीयू में 5 दिसंबर 2022 को प्रातः 5.30 बजे से 8.30 बजे के मध्य 4 नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई। चारां नवजात शिशुओं को गंभीर लक्षणों के साथ एसएनसीयू में भर्ती कर वरिष्ठ चिकित्सकों के द्वारा उपचार किया जा रहा था। 4 दिसम्बर की रात्रि 8.30 बजे से लेकर 5 दिसम्बर प्रातः 8 बजे तक डॉ गौरीशंकर एवं 7 नर्सिंग स्टाफ की ड्यूटी थी। वे निष्ठा पूर्वक उपचार कर रहे थे। मध्य रात्रि उपरांत लगभग रात्रि 1 बजे विद्युत प्रवाह की समस्या उत्पन्न हुई एवं नर्सिंग स्टाफ के द्वारा सूचित किये जाने पर विद्युत कर्मी पहुंचे एवं निरीक्षण कर पैनल में खराबी को दूर किया गया। विद्युत प्रवाह में चढ़ाव एवं उतार लोड के कारण होता रहा। लगभग 03 बजे तक विद्युत प्रवाह निरंतरित हो गया। इस दौरान वेन्टीलेटर लगातार जारी रहा तथा कभी भी बंद नहीं हुआ तथा वैकल्पिक व्यवस्था डी.जी. एवं यू.पी.एस. कार्य कर रहे थे। वार्मर उतार-चढ़ाव के साथ कार्य कर रहे थे। शिशुओं के परिजनों को उनकी गंभीर अवस्था के बारे में अवगत कराया गया था एवं रात्रि 10.30 बजे भी डॉ. गौरीशंकर द्वारा पुनः परिजनों को समझाया गया था। शिशुओं की मृत्यु पृथक-पृथक गंभीर लक्षणों के कारण हुआ था एवं विद्युत अवरोध से उसका संबंध नहीं है।
इस दौरान छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद, जिला पंचायत सदस्य राकेश गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।