नई दिल्ली । इस्पात मंत्रालय ने पीएम गतिशक्ति अभियान के तहत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी विकसित करने एवं ढांचागत फासले को दूर करने के लिए 38 उच्च-प्रभाव वाली परियोजनाएं चिह्नित की हैं। मंत्रालय की तरफ से यह जानकारी दी गई। इसके मुताबिक, पीएम गतिशक्ति के पोर्टल पर अब इस्पात मंत्रालय की भी मौजूदगी हो गई है। ढांचागत विकास को गति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर, 2021 में पीएम गतिशक्ति अभियान की शुरुआत की थी। इसके द्वारा ढांचागत विकास से जुड़े सभी मंत्रालयों एवं विभागों को एक मंच पर लाकर एकीकृत योजना बनाने और समन्वय स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।  इस क्रम में इस्पात मंत्रालय ने भी अपने प्रशासकीय नियंत्रण वाले सभी केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के इस्पात संयंत्रों से जुड़े विवरण को पीएम गतिशक्ति के पोर्टल पर ‘अपलोड’ कर दिया है।
इसके अलावा इन केंद्रीय उपक्रमों के स्वामित्व वाली सभी खदानों की भू-स्थिति को भी अपलोड किए जाने की प्रक्रिया जारी है। इस पोर्टल का संचालन करने वाले बिसाग-एन ने एक एप्किलेशन बनाया है जिसकी मदद से इस्पात मंत्रालय की देश में सक्रिय 2,000 से अधिक इस्पात संयंत्रों की भू-स्थिति को पोर्टल पर अपलोड करने की योजना है। इन संयंत्रों की भौगोलिक स्थिति के अलावा उनकी उत्पादन क्षमता एवं बनाए जाने वाले उत्पादों की जानकारी भी दर्ज किए जाने की तैयारी है। इसके साथ ही मंत्रालय ने मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी बढ़ाने और ढांचागत अंतराल दूर करने में मददगार 38 परियोजनाओं की भी पहचान की है। पीएम गतिशक्ति अभियान के तहत रेलमार्गों के विस्तार, सड़कों, बंदरगाहों एवं नए अंतर्देशीय जलमार्गों के निर्माण के अलावा गैस पाइपलाइन बिछाने और हवाईअड्डों के निर्माण से इस्पात क्षेत्र को काफी प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है।