बिलासपुर।  एसईसीएल के एसबीआई के लॉकर  से 15 लाख रुपए के आभूषण गायब होने का रहस्य अब भी बरकरार है. एक सप्ताह के बाद भी मामले में कोई ऐसा तथ्य सामने नहीं आया, जिससे ये पता चल सके कि आखिरकार आभूषण गया कहां? मामले में पीडि़त ने एसपी से भी गुहार लगाई है.
लॉकर से गायब हुए आभूषण का नहीं मिला सुरागये है पूरा मामला शकुंतला हाइट सीपत रोड सरकंडा में रहने वाले दिनेश पांडेय एसईसीएल में कर्मचारी है. वे एसईसीएल में 1987 में ज्वाइन किए थे. अब वे रिटायर होने की उम्र में पहुंच गए हैं. दिनेश पांडेय 13 जनवरी को एसईसीएल के स्टेट बैंक में अपने घर रखे कुछ आभूषण को लॉकर में रखने गए  थे. बैंक का लॉकर खोल कर जब उन्होंने देखा तो उनके होश उड़ गए. लॉकर के अंदर उनके सोने-चांदी का आभूषण ही नहीं था. सभी आभूषण लॉकर से गायब थे.
आभूषण के गायब होने की जानकारी जब दिनेश पांडेय ने बैंक मैनेजर राजीव रंजन को दी, तो उन्होंने दिनेश पांडेय को इस मामले में कोई मदद करने से इनकार कर दिया. तब पांडेय ने सरकंडा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई. दिनेश पांडेय ने लॉकर को आखिरी बार 30 अप्रैल 2020 को इस्तेमाल किया था. तब से 13 जनवरी तक लॉकर बंद था. लॉकर में उनके सोने चांदी के लगभग 12 से 15 लाख रुपए के आभूषण रखे थे.पुलिस भी समझ नहीं पा रही गहने गायब होने का राज 13 जनवरी को एसईसीएल में काम करने वाले कर्मचारी का एसईसीएल के एसबीआई के लॉकर से लाखों रुपए के सोने चांदी के जेवर गायब होने का मामला सामने आया था. मामले में प्रार्थी ने सरकंडा थाने में लिखित शिकायत भी की है. लेकिन अब तक पुलिस इस मामले में आभूषण गायब होने की कोई जानकारी इक_ी नहीं कर पाई है.आभूषण के गायब होने को लेकर पुलिस भी आश्चर्य में पड़ गई है कि, आखिर लॉकर से कैसे आभूषण गायब हो सकता है? क्योंकि लॉकर को हमेशा ग्राहक ही ऑपरेट करता है और यह गोपनीय होता है।
जांच में जुटी  पुलिस मामले में सरकंडा थाना प्रभारी परिवेश तिवारी ने कहा कि, बैंक मैनेजर से लॉकर के नियमों की जानकारी ले रहे हैं, कि लॉकर की चाबी किसके-किसके पास रहती है. इसके अलावा रायपुर में हुए इसी तरह के केसों का भी आकलन कर इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है।