पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नवंबर में चीन का दौरा करेंगे। पाकिस्तान सरकार में मंत्री अहसान इकबाल ने इस्लामाबाद में मीडिया से बात करते हुए यात्रा की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि अगले महीने (नवंबर) पीएम शहबाज की चीन यात्रा से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) परियोजना को नई गति मिलने की उम्मीद है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ चीन से लिए गए कर्ज के भुगतान में छूट की मांग करेंगे और वह पेरिस क्लब के कर्जदार देशों से कर्ज पुनर्गठन की मांग नहीं करेंगे। पाकिस्तान पर पेरिस क्लब देशों का संयुक्त रूप से लगभग 10.7 बिलियन अमरीकी डॉलर का कर्ज बकाया है। 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार, पाकिस्तान का कुल गैर-पेरिस क्लब द्विपक्षीय ऋण वर्तमान में लगभग 27 बिलियन अमरीकी डॉलर है, जिसमें से चीनी कर्ज लगभग 23 बिलियन अमरीकी डॉलर है। वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान को कर्ज चुकाने और चालू खाते के घाटे को पूरा करने के लिए चालू वर्ष के दौरान करीब 34 अरब डॉलर की जरूरत है। हालांकि, मंत्री इकबाल ने कहा कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार के दौरान सीपीईसी परियोजनाओं पर कोई प्रगति नहीं हुई थी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शरीफ उन योजनाओं पर काम में तेजी लाने की कोशिश करेंगे।

पाकिस्तान और चीन का यह महत्वाकांक्षी परियोजना (सीपीईसी) चीन के उत्तर पश्चिमी शिनजियांग उइगर स्वायत्त क्षेत्र और पश्चिमी पाकिस्तान प्रांत बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को जोड़ने वाली बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का 3,000 किलोमीटर लंबा मार्ग है। इसके बनने की शुरूआत 2013 में हो गई थी। सीपीईसी को लेकर भारत ने चीन का विरोध किया है क्योंकि यह कारिडोर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर जा रहा है।

मॉस्को से खरीदना चाहता है पाकिस्तान
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान देश में लगातार बढ़ रही ईंधन की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए भारत की तर्ज पर रूस से तेल खरीदने के लिए तैयार है। इशाक डार ने कहा कि वे रूस से उस दर पर तेल खरीदने के लिए तैयार हैं जिस दर पर वो भारत को तेल का निर्यात कर रहा है।