इस्लामाबाद । पाकिस्तान में शहबाज शरीफ के पीएम बनते ही तेवर बदलने शुरू हो चुके है। उन्होंने अपने भाई के साथ ही दगाबाजी करना शुरू कर दिया है। लंबे इंतजार के बाद सत्ता में आए शहबाज शरीफ ने अपनी 33 सदस्य कैबिनेट में भाई नवाज शरीफ के करीबी पीएमएलएन नेताओं को किनारे लगा दिया है। मीडिया के मुताबिक शहबाज के कैबिनेट में मंत्रियों के चयन और उनके विभागों के बंटवारे पर पार्टी आपस में ही दो गुटों में बांट गई है। बता दें कि शहबाज के पीएम बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके भाई नवाज शरीफ का ही बताया जा रहा है। नवाज ने लंदन में बैठे-बैठे विपक्ष को एकजुट कर इमरान खान का पत्ता साफ करवा दिया। जिसके बाद ही शहबाज को पाकिस्तान की कमान मिली। लेकिन शहबाज ने पीएम बनते ही अपने बड़े भाई के साथ ही दगा कर दिया।
शहबाज ने नवाज शरीफ कैंप के केवल एक सदस्‍य जावेद लतीफ को कैब‍िनेट में जगह दी है। जावेद ने मंगलवार को शपथ ग्रहण में हिस्‍सा भी नहीं लिया। शहबाज के इस कदम पर उनकी भतीजी मरियम नवाज काफी नाराज हैं। मरियम ने अपनी नाराजगी को भी जाहिर किया है। इरफान सिद्दीकी, परवेज राशिद, मुहम्मद जुबैर, दानियाल अजीज, मुसद्दीक मलिक, तलाल चौधरी, बिरजीस ताहिर, तारिक फातेमी और जफरुल्ला खान जैसे नवाज के करीबी सहयोगियों को मंत्रिमंडल में कोई जगह नहीं दी गई है।
शहबाज के कैबिनेट गठन को लेकर सबसे बड़ी सहयोगी भी नाराज दिखाई दे रही है। बिलावल भुट्टो ने कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा नहीं लिया। कहा जा रहा है कि बिलावल लंदन गए हैं और आज उनकी  लंदन में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ से मुलाकात भी हुई है।