वास्तु शास्त्र में घर को व्यवस्थित करने के लिए कुछ नियम उपाय बताए गए हैं. वास्तु के मुताबिक अगर इन नियमों का ठीक से पालन न किया जाए, तो घर में दोष की समस्या हो जाती है. दोष का असर आर्थिक संकट का कारण तो बनता ही है, साथ ही लोगों को शारीरिक या स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें भी होने लगती है. वास्तु ( Vastu tips for house) में घर के कमरे, किचन की दिशा का जिक्र किया गया है. इतना ही नहीं घर में किस चीज को कहां रखना शुभ या अशुभ होता है, इसके बारे में भी वास्तु में विशेष बातें बताई गई है. कहते हैं कि अगर एक बार वास्तु दोष प्रभावित करने लगे, तो इसके दुष्परिणाम लंबे समय तक झेलने पड़ सकते हैं. घर के मेन डोर पर लगाए जाने वाली बेल को लेकर भी आपको वास्तु का ध्यान रखना चाहिए. मान्यता है कि घर के मेन डोर पर लगाए जाने वाली बेल गलत तरीके से लगाने पर घर में नेगेटिविटी का वास होने लगता है कलह व दरिद्रता आने लगती है. हम आपको बताने जा रहे हैं कि डोर बेल से जुड़े किन वास्तु टिप्स को अपनाकर आप जीवन में सुख एवं समृद्धि ला सकते हैं.

डोर बेल को लगाना क्यों है जरूरी
वास्तु में डोर बेल को लगाना बहुत जरूरी बताया गया है, क्योंकि इसके न होने पर घर में नेगेटिव एनर्जी दस्तक दे सकती हैं. कहा जाता है कि जब कोई घर पर आता है डोर बेल न होने की सिचुएशन में वहे डोर को खटखटाता है. खटखटाने के साथ ही घर में नेगेटिव एनर्जी दस्तक देने लगती है. घर में रहने वाले लोगों के मस्तिष्क पर भी इसका बुरा असर पड़ता है.

नेम प्लेट से ऊपर लगाएं डोर बेल
ज्यादातर घरों में लोग मेन डोर पर लगाए जाने वाली नेम प्लेट डोर बेल को लगाने में गलती करते हैं. ये गलती घर के मुखिया को परेशान कर सकती है. वास्तु के मुताबिक मेन डोर पर लगाए जाने वाली डोर बेल को हमेशा नेम प्लेट के ऊपर लगाना चाहिए. इससे परिवार के मुखिया का यश कीर्ति बढ़ती है.

बेल की आवाज
घर की डोर बेल की आवाज अगर चुभने वाली हो, तो ये भी नेगेटिविटी के आने का कारण बन सकती है. तेज शोर वाली डोर बेल अच्छी नहीं होती. इसके बजाय आपको घर के लिए ऐसी डोर बेल का यूज करना चाहिए, जिसकी आवाज मधुर हो.