भाेपाल ।   नवंबर माह में उत्तर भारत में पांच पश्चिमी विक्षाेभ उत्तर भारत की ओर आए। इनमें से सिर्फ दाे तीव्र आवृति के थे, जबकि तीन कमजाेर रहे। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक पश्चिमी विक्षाेभ के कमजाेर रहने के कारण उत्तर भारत के पहाड़ाें पर बर्फबारी नहीं हुई। इस वजह से हवाओं की दिशा उत्तरी हाेने के बाद भी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान में अधिक गिरावट नहीं हुई। वर्तमान में भी एक कमजाेर पश्चिमी विक्षाेभ पाकिस्तान और उसके आसपास ट्रफ के रूप में स्थित है। उधर मध्य प्रदेश में हवा का रुख बार-बार बदलकर दक्षिण-पूर्वी, पूर्वी, उत्तर-पूर्वी हाे रहा है। इससे दिन-रात के तापमान में मामूली उतार-चढ़ाव हाे रहा है। अभी दाे दिन तक मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार है। पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने पर न्यूनतम तापमान में कुछ गिरावट हाे सकती है। मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 24 घंटाें के दौरान मध्य प्रदेश के सभी जिलाें का मौसम मुख्यत: शुष्क रहा। न्यूनतम तापमान में सभी संभागाें के जिलाें में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। न्यूनतम तापमान शहडाेल संभाग के जिलाें में सामान्य से अधिक तथा शेष संभागाें के जिलाें में सामान्य रहे। प्रदेश में सबसे कम सात डिग्री सेल्सियस तापमान नौगांव में दर्ज किया गया। ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलाें में सुबह के समय हल्का काेहरा भी रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि इस बार अभी तक अाए पांच पश्चिमी विक्षाेभ में से सिर्फ दाे पश्चिमी विक्षाेभ उत्तर भारत में प्रभावी रहे। इस वजह से पहाड़ाें पर अच्छी बर्फबारी हुई थी। पश्चिमी विक्षाेभ के आगे बढ़ने के बाद तब सर्द हवएं चलने से मध्य प्रदेश में सर्दी भी बढ़ गई थी। शुक्ला के मुताबिक पाकिस्तान पर बने पश्चिमी विक्षाेभ के रविवार काे उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है। हालांकि इस मौसम प्रणाली की आवृति कमजाेर रहने के कारण इसका मध्य प्रदेश के मौसम पर विशेष असर पड़ने की संभावना कम है। हालांकि पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत से आगे बढ़ने पर रात के तापमान में कुछ गिरावट हाेने की संभावना है।