शनिदेव का एकमात्र और खास मंदिर शनि शिंगणापुर में स्थित है। यहां पर शनिदेव की कोई मूर्ति नहीं है और न ही कोई मंदिर। यहां पर शिला के रूप में शनिदेवजी विराजमान हैं।
शनिदेव की पूजा में कई तरह की सावधानी बरतना चाहिए क्योंकि वे न्याय के देवता हैं। शनि की नाराजगी बहुत भारी पड़ सकती है। खासकर महिलाओं को उनकी पूजा करते वक्त 6 प्रकार की सावधानी रखना चाहिए।
1. शनिदेव की पूजा करके वक्त महिलाएं उनकी मूर्ति को स्पर्श न करें। इससे नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है।

2. महिलाएं शनिदेव को तेल न चढ़ाएं बल्कि वे तेल अर्पित कर सकती हैं। यानी एक कटोरी में तेल लेकर उनके पास रख दें या दीपक जलाएं।

3. वैसे महिलाओं को शनि पूजा से बचना चाहिए लेकिन यदि कुंडली में शनिकी साढ़ेसाती, ढैया या महादशा चल रही है तो किसी पंडित से पूछकर ही पूजा करें।

4. महिलाओं को शनिदेव की मूर्ति की आंखों में नहीं देखना चाहिए।

5. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शनिदेव या भैरव के मंदिर में नहीं जाना चाहिए।

6. महिलाओं को शनि की वक्री दृष्टि से बचने के लिए शनिवार के दिन मंदिर न जाते हुए शनि से संबंधित चीजें दान करना चाहिए।