भोपाल ।    पिछले चार सालों से स्‍कूल, क्‍लब, जिला, संभाग, राज्‍य और राष्‍ट्रीय जूनियर टीम में अपने हरफनमौला प्रदर्शन से प्रभावित करने वाली सौम्‍या तिवारी को अपनी मेहनत का फल मिल गया है। उन्‍हें अगले साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर 19 महिला विश्‍वकप आयोजित हो रहे विश्‍व कप के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया है। सौम्‍या अभी भारतीय अंडर 19 टीम के साथ ही न्‍यूजीलैंड के खिलाफ खेल रही है। इससे पहले इसी साल उसे बीसीसीआई द्वारा आयोजित चैलेजर ट्राफी में खेलने का मौका मिला। सौम्‍या ने अपने हरफनमौला खेल और कप्‍तानी से सभी को प्रभावित किया था। यहीं कारण है कि उसे न्‍यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज में उसे भारत की अंडर 19 महिला टीम में बतौर उपकप्‍तान बनाया गया। अब उसे वर्ल्‍ड कप के लिए चुना गया है।

कोच की मेहनत और परिवार का संघर्ष काम आया

सौम्‍या तिवारी ने 10 साल की उम्र में बल्‍ला थामा था, भोपाल के अरेरा क्रिकेट अकादमी में कोच सुरेश चेनानी के मार्गदर्शन में प्रशिक्षण प्राप्‍त किया, उस समय बहुत कम लड़कियां आती थी। इसलिए कोच ने पहले मना कर दिया था, लेकिन सौम्‍या नहीं मानी और यहीं पर खेलने की ठानी। कोच ने भी बच्‍ची की लगन को देखते हुए उसे लड़कों के साथ प्रशिक्षण देना प्रारंभ कर दिया। इससे उसे बहुत फायदा मिला और उनका खेल निखरा। अकादमी और शालेय खेलो में सौम्‍या ने बल्‍ले से कई शानदार पारिया खेली और गेंदबाजी में अपनी सफलता के झंडे गाड़े। सौम्‍या की इस सफलता में उसके परिवार का भी बहुत योगदान रहा है, पिता मनीष तिवारी शासकीय कर्मचारी हैं। वहीं, बड़ी बहन स्‍टूडेंट व माता गृहणी हैं। इन तीनों ने अपनी जिम्‍मेदारी को बाखूबी निभाया है। बड़ी बहन से प्रेरणा लेकर ही उसने खेलना सीखा और इस खेल को चुना। घर से मैदान तक आने जाने में पूरा सहयोग मिला। घर पर माता ने मोर्चा संभाला तो मैदान के बाहर उनके पिता मनीष ने। उनकी कोशिश रहते है व सौम्‍या के हर मुकाबले में मैदान पर खड़े रहें। भोपाल से बाहर जब भी सौम्‍या को जाना होता पिता भी साथ में जाने का प्रयास करते हैं।

लाकडाउन में घर को ही किया जमकर अभ्‍यास

सौम्‍या ने बताया कि लाक डाउन लगने से बहुत निराशा हुई थी, लेकिन पापा, मम्‍मी और बहन ने घर पर ही अभ्‍यास करने में सहयोग दिया। लाकडाउन में घर पर ही अभ्‍यास किया, मोबाइल के माध्‍यम से कोच के संपर्क में भी बनी रही।इसलिए अभ्‍यास का क्रम नहीं टूटा। सौम्‍या तिवारी भोपाल की पहली महिला खिलाड़ी है, जो अंडर 19 विश्‍व कप में भारतीय भ्‍म का प्रतिनिधित्‍व करने जा रही है। मोहनीश ने वर्ष 2000, अजितेज अर्गल ने 2008 व राहुल बाथम ने 2020 में भारत का प्रतिनिधित्‍व किया है।

मानसिक दृढ़ता से पाया छोटी उम्र में बड़ा मुकाम

सौम्‍या ने बहुत छोटी उम्र में अपने से बड़ी लडकियों और अपने से मजबूत लड़कों के साथ क्रिकेट खेला है। सौम्‍या ने बताया कि मुझे इससे लाभ मिला है, खेल के साथ मानसिक रुप से भी मेरा इरादा दृढ़ हुआ है। खेल के दौरान हमेश उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। उस समय मानसिक रुप से मजबूत होना अनिवार्य है। मुझे अपने से बड़ों के साथ खेलने में हमेशा मजा आता है, उनसे सीखने को मिलता है और अपना खेल निखरता है।