लाहौर । अदालत के अधिकारी ने बताया, संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) की विशेष अदालत ने बुधवार को शहबाज के आवेदन को स्वीकार किया, जिसमें एक दिन के लिए व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट मांगी गई थी। हालांकि, अदालत ने प्रधानमंत्री को मामले में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया, अन्यथा वह अगली सुनवाई पर 14 मई को अभियोग की कार्यवाही शुरू करेगा।
हमजा हालांकि अदालत में पेश हुए। अधिकारी ने कहा कि अदालत ने शहबाज के वकील एडवोकेट अमजद परवेज को उनके इस दावे पर 14 मई को अदालत के समक्ष दलीलें पेश करने का निर्देश दिया, कि उनके मुवक्किल को मामले में आरोपित नहीं कर सकते है। शहबाज सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। शहबाज और उनके बेटों हमजा और सुलेमान पर एफआईए ने नवंबर 2020 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और धन शोधन निरोधक अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। सुलेमान फरार हैं, और ब्रिटेन में रह रहा है। एफआईए की जांच में कथित तौर पर शहबाज परिवार के 28 बेनामी खातों का पता चला है, जिसके माध्यम से 2008 से 2018 तक 14 अरब पाकिस्तानी रुपये (7.5करोड़ अमरीकी डॉलर) की राशि का हेरफेर किया गया था।
आरोपों के मुताबिक एफआईए ने 17,000 जमा लेनदेन की जांच की। आरोपों के अनुसार, राशि को गोपनीय खातों में रखा गया था और शहबाज को उनकी व्यक्तिगत क्षमता में दिया गया था। इस बीच, लाहौर हाईकोर्ट ने बुधवार को पंजाब के राज्यपाल ओमर सरफराज चीमा को, या तो खुद या किसी नामांकित व्यक्ति के माध्यम से, 28 अप्रैल तक निर्वाचित मुख्यमंत्री हमजा शहबाज को शपथ दिलाने की प्रक्रिया को पूरा करने का निर्देश दिया। हमजा 16 अप्रैल को मुख्यमंत्री चुने गए थे। हमजा और उनकी पार्टी ने शपथ ग्रहण में देरी के लिए अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया।