भोपाल । समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी लेटलतीफी के साथ शुरू हुए अभी एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि किसानों को खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ रहा है। पहले तो स्लॉट बुकिंग मे दिक्कत फिर गेहूं तुलाई कराने लेकर पहुंचे किसान को 2 दिन से पहले अपनी बारी नहीं आने के कारण 2 से 4 हजार रुपए का फटका इसलिए लग रहा कि किराए के ट्रैक्टर या अन्य किराए के वाहन का अतिरिक्त भुगतान करना पड़ रहा है।
प्रदेश में गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर अभी शुरुआती दौर में है, इसलिए व्यवस्थाएं भी पूरी तरह चाक-चौबंद नहीं हैं। ज्यादातर खरीदी केंद्र वेयर हाउस के समीप बनाए गए हैं, जहां पर हम्मालों द्वारा तोल किया जा रहा है, जिसमें काफी समय लगता है। हम्मालों की कमी से जूझ रहे गेहूं खरीदी केंद्रो पर किसानों को अपनी बारी के लिए 2 से 3 दिन का इंतजार करना पड़ रहा है, जिसके कारण किराए के ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों का भुगतान ज्यादा करना पड़ रहा है। हर किसान को 2000 से 4000 का अतिरिक्त भाड़ा सिर्फ इस कारण देना पड़ रहा है कि वाहन 2 से 3 दिन का समय तुलाई में लग रहा है। किसान नेता बबलू जाधव का कहना है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कृषि मंत्री कमल पटेल ने लगातार निर्देश दिए हैं कि किसानों को खरीदी केंद्र पर दिक्कत ना आए और पानी लगा हल्की क्वालिटी का गेहूं भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा, लेकिन अधिकारी किसानों को परेशान कर रहे हैं। कई जगह पर नमी वाला गेहूं नहीं लिया जा रहा। हालांकि अधिकारियों का कहना है किसानों को नमी वाले गेहूं को तुलाई केंद्र पर कुछ दिन रुकने के बाद फिर लाने को कहा गया है। किसान बबलू ने मांग कि किराए के ट्रैक्टर ट्राली या किराए के वाहन की राशि सरकार  को देना चाहिए।
स्लाट बुकिंग में  मैसेज पर असमंजस
समर्थन मूल्य पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के बाद गेहूं विक्रय करने से पहले किसानों को स्लाट बुक कर अपनी बारी और दिनांक का उल्लेख करना होता है यहां पर भी किसानों को समस्या यह है कि खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से जो मैसेज आ रहे हैं वह अलग-अलग आ रहे हैं उसमें तो अधिकारी से संपर्क करने का जवाब किसानों को असमंजस में डाल रहा है।