हैदराबाद,  तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू  के नेतृत्व वाली तेलुगु देशम पार्टी  इस बार  इस बार चुनाव नहीं लड़ेगी . बताया जाता है कि विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला राजमुंदरी सेंट्रल जेल के अंदर चंद्रबाबू नायडू के साथ तेलंगाना तेलुगु देशम प्रमुख कसानी ज्ञानेश्वर की बैठक के बाद लिया गया.
पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को कौशल विकास निगम के पैसे का कथित तौर पर दुरुपयोग करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. वे फिलहाल राजमुंदरी सेंट्रल जेल में बंद हैं.
चंद्रबाबू नायडू ने कथित तौर पर कहा था कि उनके जेल में रहने से नेतृत्व के लिए तेलंगाना में प्रचार करना संभव नहीं हो सकेगा, इसलिए राज्य पार्टी प्रमुख को कैडर को हालात के बारे में बताना चाहिए. 
तेलुगू देशम पार्टी का तेलंगाना में जनाधार रहा है. इसी के कारण उसने 2014 में 15 सीटें और 2018 के विधानसभा चुनाव में दो सीटें जीतीं. यह अलग बात है कि चुने गए  विधायक बाद में वफादारी बदलकर सत्तारूढ़ दल के साथ चले गए.
तेलंगाना में चंद्रबाबू नायडू के समर्थक इस बात से नाराज हैं कि भारत राष्ट्र समिति ने चंद्रबाबू नायडू की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कोई बयान नहीं दिया था और उन्हें हाईटेक सिटी क्षेत्र में नायडू के समर्थन में विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत भी नहीं दी गई थी.
इसके बाद जब कुछ समुदायों ने कहा कि वे अपना वोट बीआरएस के बजाय कांग्रेस को देने पर विचार करेंगे, तो सत्तारूढ़ पार्टी का नेतृत्व चिंतित हो गया और फिर कई नेताओं ने नायडू की गिरफ्तारी के तरीके की निंदा की.
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