भोपाल । मध्यप्रदेश के आधा सैकडा निजी स्कूलों की मान्यता खतरे में है। इसकी वजह स्कूलों द्वारा पूरी जानकारी अपडेट नहीं करना है। शैक्षणिक सत्र 2023-24 की मान्यता प्रक्रिया में जिन स्कूलों द्वारा मान्यता के लिए आवेदन किया था, अगर उनकी मान्यता जारी न होकर किसी भी स्तर पर लंबित है तो उन स्कूलों की मान्यता आवेदन स्वत: ही निरस्त माना जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। आदेश में निर्देशित किया गया है कि कलेक्टर के समक्ष मान्यता के लिए लंबित प्रकरण वाले स्कूल 30 नवंबर तक विशेष विलंब शुल्क की राशि पोर्टल के माध्यम से जमा कराते हुए अगले सत्र के लिए मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं शैक्षणिक सत्र 2024-25 के नवीन मान्यता व मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस बार पहली से आठवीं तक के निजी स्कूलों को नवीन मान्यता व मान्यता नवीनीकरण के आवेदन करने के बाद विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बीआरसीसी) को 15 दिन में भौतिक सत्यापन करना होगा। आरटीई के मान एवं मानकों की पूर्ति होने तथा निजी स्कूल भवन, कार्यरत शिक्षकों तथा स्कूल में आवश्यक संसाधनों की जीईओ टैग फोटो अपलोड करना अनिवार्य है। यह रिपोर्ट जिला परियोजना समन्वयक(डीपीसी) को भेजना होगी। अगले सत्र के लिए डीपीसी द्वारा मान्यता आवेदन के प्रकरणों का निराकरण 20 नवंबर तक कर दिया गया है। अब स्कूल संचालकों को 20 दिसंबर तक मान्यता आवेदन निरस्ती के प्रकरण में कलेक्टर के समक्ष अपील करना होगी। जिसका निराकरण कलेक्टर द्वारा 30 दिन के भीतर किया जाएगा। इसके बाद आयुक्त एवं संचालक राज्य शिक्षा केंद्र के समक्ष अपील का विकल्प स्कूल संचालक के पास रहेगा। नवीन मान्यता के लिए आवेदन प्रस्तुत करने वाली संस्था के लिए मान्यता शुल्क के रूप में प्राथमिक शाला के लिए पांच हजार रुपये, माध्यमिक शाला के लिए 7500 रूपये और प्राथमिक सह माध्यमिक शाला के लिए 10 हजार रूपये निर्धारित आनलाइन प्रक्रिया अनुसार जमा करना होगा। मान्यता नवीनीकरण के लिए प्राथमिक शाला के लिए दो हजार रूपये, माध्यमिक शाला के लिए तीन हजार रूपये और प्राथमिक सह माध्यमिक शाला के लिए चार हजार रूपये प्रतिवर्ष के मान से मान्यता अवधि के लिए एकमुश्त जमा किया जाना होगा। नवीनीकरण के समय स्कूल का पता परिवर्तन के लिए पांच हजार शुल्क देना होगा। इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस का कहना है कि 2024-25 के नवीन मान्यता व मान्यता नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस सत्र में करीब 50 स्कूलों के मान्यता आवेदन लंबित है। इस बार मान्यता से पहले अधिकारियों की ओर से भौतिक सत्यापन अनिवार्य किया गया है।