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भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय के कांग्रेस कार्यालय स्वागत ने इंदौर कांग्रेस के शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव को मुश्किल में डाल दिया। कांग्रेस हाईकमान नाराज है और अध्यक्षों की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है।
इंदौर कांग्रेस के अध्यक्षों को निलंबन का खतर।
हाईकमान नाराज, अध्यक्ष बदलने की तैयारी।
सुरजीत सिंह ने कुर्सी बचाने के लिए दिल्ली दौड़।
इंदौर । भाजपा के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का इंदौर कांग्रेस कार्यालय में स्वागत-सत्कार करना दो नेताओं को भारी पड़ गया। अब उनकी कुर्सी पर तलवार लटकी है। प्रदेश कांग्रेस संगठन ने इंदौर शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और ग्रामीण अध्यक्ष सदाशिव यादव का निलंबन खत्म नहीं किया है। घटनाक्रम 12 जुलाई का है। नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय कई अन्य भाजपा नेताओं के साथ इंदौर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। वह एक पौधा मां के नाम अभियान के लिए कांग्रेस नेताओं से भी पौधा रोपने की अपील करने गए थे। सुरजीत सिंह और सदाशिव यादव के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने कैलाश विजयवर्गीय का हार-फूल से स्वागत किया था। कांग्रेस कार्यालय में उन्हें नाश्ता भी करवाया गया।
 *कांग्रेस हाईकमान नाराज* 
बताया जाता है कि इससे कांग्रेस हाईकमान नाराज हो गया और दोनों से 7 दिन में जवाब मांग लिया गया। यह अवधि 27 जुलाई को समाप्त हो गई। अब संगठन शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष बदलने की तैयारी कर रहा है। कुर्सी बचाने की कोशिश में सोमवार को शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा ने दिल्ली की ओर दौड़ लगा दी। जिला अध्यक्ष यादव ने अपने जवाब में लिखकर दे दिया है कि वह तो सुरजीत सिंह के आमंत्रण पर कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे।
कैलाश विजयवर्गीय ने पहले फोन कर सुरजीत सिंह चड्ढा को उनके आने की जानकारी दी थी। सुरजीत सिंह की सहमति के बाद कैलाश विजयवर्गीय कांग्रेस कार्यालय पहुंचे, तो कांग्रेस पदाधिकारी उनके स्वागत के लिए बाहर सड़क पर खड़े थे। भगवा कुर्ता पहने सुरजीत सिंह ने तो पैर छूकर कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत किया था। कुछ कांग्रेसियों ने इसकी दिल्ली हाईकमान में शिकायत कर दी कि कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में इंदौर से उम्मीदवार विहीन करने में अहम भूमिका निभाने वाले कैलाश विजयवर्गीय को कांग्रेस कार्यकर्ता गुलदस्ता दे रहे हैं।
बता दें, लोकसभा चुनाव में इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम ने आखिरी दिन नाम वापस ले लिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे। कांग्रेस के पास कोई उम्मीदवार ही नहीं बचा था। निलंबन अवधि पूरी, अनुशासन समिति चुप 20 जुलाई को जारी नोटिस में दोनों अध्यक्षों से सात दिन में जवाब मांगा गया था। इस अवधि तक वे निलंबित रहे। 27 जुलाई को अवधि समाप्त होने के बाद निलंबन समाप्त नहीं किया गया है।
 *अनुशासन समिति प्रमुख ने चुप्पी साधी* 
अब कार्रवाई के मामले पर संगठन प्रभारी राजीव सिंह, अनुशासन समिति प्रमुख अशोक सिंह ने कुछ भी कहने से इन्कार कर दिया है। इस बीच सूत्रों ने यह भी बताया है कि दिल्ली से निर्देश जारी हुआ है कि इंदौर संगठन में बदलाव किया जाए। दोनों का हटना तय माना जा रहा है।

न्यूज़ सोर्स : Icn