धर्म परिवर्तन के मामलों पर बोले जगद्गुरु स्वामी श्री रामललाचार्य महाराज
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रायसेन शहर के शगुन गार्डन में स्वर्गीय सुधा अग्रवाल की स्मृति में सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। शुक्रवार को जगद्गुरु स्वामी श्री रामललाचार्य महाराज द्वारा मीडिया के सामने धर्म परिवर्तन, समाज, धर्म पर आजकल के पहनावे और मोबाइल के उपयोग सहित कई विषयों पर चर्चा की।
उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि
हिंदू धर्म सभी का सम्मान करता है। सारे धर्मों को लेकर चलता है। इसीलिए लोग हमें कमजोर करने का प्रयास करते हैं और आज से ऐसा नहीं है सतयुग से ही ऐसा है।
धर्म परिवर्तन के मामलों पर जगद्गुरु स्वामी श्री रामललाचार्य महाराज ने कहा की जरूरत के जो धर्म बदलते हैं उससे धर्म की कोई हानि नहीं होती ना ही उस तरफ कोई बढ़ोतरी .....उन्होंने कहा की अंदर से व्यक्ति के लिए चिंतन होना चाहिए , चाहे वह हिंदू धर्म हो या मुसलमान जिसके अंदर चिंतन होगा, उसी से धर्म बढ़ता भी है और घटता भी है।
उन्होंने कहा की जिनका धर्म परिवर्तन किया जा रहा, है वह लोग धर्म के विषय में जानते ही नहीं है। अभी तो हमारे साथ यह हो रहा है जिनके पास खाने को, नहीं है पीने को नहीं है, रोगी है, परेशान है, उसकी जरूरतों को हम पूरा कर दें और एक कैलेंडर दे दें। उनसे कहें की आज के बाद यह तुम्हारा धर्म है, चाहे वह ईसाई मिशनरी हो या बौद्ध हो चाहे जैन हो जरूरत पूरी होने के बाद हम उसे तस्वीर दे देते हैं और कह देते है की यह तुम्हारे भगवान हैं। पर वास्तविक में वह धर्म है ही नहीं धर्म वह है जो धर्म के विषय में जानता हो, उस धर्म में टीका लगाने के बाद वह हिंदू हो जाए या टोपी पहनने के बाद मुसलमान ऐसा तो व्यक्ति जरूरतमंद कहलाता है।