कलयुग पापों का घर है पापों से बचने के लिए राम नाम ही एक आधार है -राजेंद्र शास्त्री
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उदयपुरा- रायसेन श्री राम चरित मानस विद्यापीठ , के तत्वाधान में क्षेत्र में चल रही मानस यात्रा ,ग्राम रामखिरिया के श्री राम जानकी मंदिर पर पहुंची, जहां पर पुजारी तुलसीराम शर्मा, द्वारा विद्वानों का सम्मान किया गया, ग्रंथ पूजन पश्चात, सत्संग सभा आयोजित की गई, जिसमें धर्माधिकारी राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि महादेव शिव अपनी प्रिया उमाजी से कहते हैं, कि अनेकों प्रकार के योग, जप, दान, तप, यज्ञ, व्रत और नियम, करने पर भी भगवान श्री राम जी कृपा नहीं करते, जैसी अन्नय प्रेम, होने पर करते हैं, श्री राम का वानर, भालुओं एवं निषादराज के ऊपर प्रेम अनन्य प्रेम भक्ति की पराकाष्ठा है, संतो ने भी प्रेमा भक्ति को श्रेष्ठ बताई है, सत्संग सभा, में नर्मदा प्रसाद रामायणी, अमरनाथ बिल्थरिया, देवव्रत राजोरिया एवं सुदामा शास्त्री ने मानस के लंका कांड से सुंदर रोचक प्रसंगों को सुनाकर श्रोताओं को भाव विभोर किया, राष्ट्रीय कवि गोविंद गोदानी, की रचना "रामरट रामरट, रटते रहो" ने श्रद्धालुओं में आनंद और उत्साह का संचार किया, यात्रा संयोजक ,चतुर नारायण रघुवंशी ने आगामी कार्यक्रमों की जानकारियां दी, मानस ग्रंथ की मंगल आरती में रामनारायण रघुवंशी, ओंकार सिंह पटेल ,अनार सिंह लोधी, प्रेम शंकर चंदेल, अमर सिंह लोधी, तुलसीराम, सुनील कुमार गुप्ता, छोटू शुक्ला, अर्जुन सिंह, रूप सिंह नामदेव, मथुरा प्रसाद सेन, सहित उपस्थित श्रद्धालुओं ने कथा श्रवण कर प्रसाद ग्रहण किया,