MP के बुनकरों के लिए विशेष तौर पर पैकेज तैयार होगा दिग्विजय सिंह
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(राजकिशोर सोनी)
बुरहानपुर जिला जाना जाता है केले की खेती के लिए, बुरहानपुर जाना जाता है यहाँ के बुनकरों के लिए, बुरहानपुर जाना जाता है यहाँ के ऐतिहासिक महत्त्व के लिए। इन तीनो बातो में भारतीय जनता पार्टी असफल रही।
किसानों के हालत बिगड़ रहे हैं एक अजीब सी बात है कि पिछली बार हम लोग आए थे भारत जोड़ो यात्रा के दौरान यहाँ के केला किसानो ने राहुल गाँधी को बताया था कि जिसको उन्होंने बाद में भी कहा की म.प्र. में फसल बीमा योजना के अंतर्गत केला फसल में नुकसान होने पर किसानो को कोई मुआबजा नहीं मिलता जबकि महाराष्ट्र में बगल में तीन साल से लगातार केला फसल के नुकसान के लिए बीमा मिल रहा है प्राइवेट कंपनिया दे रही हैं लेकिन म.प्र. की सरकार इतनी निकम्मी है किसान विरोधी है जो की पूरे तरीके से किसानो के हितो के बारे में सोच भी नहीं रही है बुरहानपुर की तरफ देख भी नहीं रही है।
इसी के साथ साथ एक अजीब सी बात और सामने आई की यहाँ गैर केले की फसल के अंतर्गत भी और केले की फसल में भी ओला वृष्टि से जो नुकसान होता है तो लेंड रेवेन्यु के अंतर्गत जो मुआवजा दिया जाता है वो भी नहीं मिल रहा है यहाँ के किसानों को।
शिवराज सिंह चौहान अपने आप को किसानो का हितैषी बोलते हैं, किसान पुत्र बताते हैं लेकिन ऐसा कैसा किसान पुत्र है जो किसानों की समस्या नहीं समझता, जो किसानों के कर्जा माफ़ी के मामलो में भी ढिलाई कर रहा है, यह बात मध्यप्रदेश के किसान अब समझने लगे हैं।
इसी के साथ साथ साथियों इस बुरहानपुर शहर को जाना जाता है यहाँ के बुनकरों के लिए। आपको याद होगा मैने बुनकरों के लिए एक अलग से जमीन आबंटित कर दी थी क्योंकि यहाँ के बुनकरों के घरों में गया था मैंने एक मुख्यमंत्री के रूप में देखा किस मुसीबत में वो लोग जी रहे है तो उनके लिए मैंने एक इन्डस्ट्री स्टेट का एक दर्जा दे कर यहाँ जमीन आवंटित की थी उस में आज तक कोई काम भारतीय जनता पार्टी ने नहीं किया है। जो रियायत बिजली दरें हमने दी थी उसका भी उन्हें पूरा लाभ नहीं मिल पाया। हमारा यह वादा होगा की म.प्र. के जो हमारे बुनकर है उनकी सहूलियत के लिए विशेष तौर पर पैकेज तैयार किया जाएगा। यह हमरे चुनाव घोषणा पत्र का अंग होगा।
भाजपा के राज में बुरहानपुर और बुरहानपुर के आस पास के क्षेत्रो में कोई काम न करके, कोई ध्यान ना दे कर उनके साथ अन्याय हुआ है। जिस प्रकार से बुरहानपुर में जंगल कट रहा है, बड़े पैमाने पर जंगल कटा है, जंगल माफिया लगा हुआ है, कांग्रेस ने हमेशा जंगल की रखवाली के लिए विशेष तौर पर काम किया है। एक तरफ शिवराज सिंह चौहान नाटक नोटंकी कर रहे है भोपाल में रोज एक नया पौधा लगाते हैं लेकिन रोज भाजपा के राज में कम से कम पूरे प्रदेश में 500 से 1000 पेड जंगल के कट रहे है उन पर ध्यान नहीं है।
यहाँ पर अभी पुलिस फायरिंग हुई आदिवासियों के खिलाफ कार्यवाही हुई यह कब से हो रहा था क्यू नहीं रोका गया? वन विभाग के अधिकारी, पुलिस के अधिकारी, प्रशासन क्या कर रहा था? क्यू जंगल कट रहा था? मेरे पास जानकारी है कि यहाँ पर महाराष्ट्र और तमिलनाडु तक यहाँ की इमारती लकड़ी जो हैं वहां उसका तस्कर लोग ले जा रहे है मेरा यह आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी के नेता, भारतीय जनता पार्टी के दलाल और भारतीय जनता पार्टी के चुनिंदे अधिकारी यह सब इसमें शामिल हैं। और इस की जाँच किसी रिटायर्ड जज के माध्यम से करना चाहिए कि इनके राज में कितना जंगल कटा है। बुरहानपुर से लेकर बड़वानी तक कितना जंगल कटा है, इसकी जाँच होना चाहिए, दोषियों के खिलाफ कार्यवाही होना चाहिए जो आदिवासी जंगल काटने के खिलाफ खड़े होते है उनका संरक्षण होना चाहिए और पूरे तरीके से जंगल कटाई को रोकना चाहिए।
पैसा कानून 1996 में पास हुआ सर्व सम्मति से पास हुआ 1998 में मैं मुख्यमंत्री था, मैने डॉ ब्रह्मदेव शर्मा जी जिन्होंने कि इसको ड्राफ्ट किया था जो की आदिवासी हितैषी के लिए एक चैंपियन थे उनको मैंने अधिकार दिया की आप नियम बनाइये और नियम हमारे बने। ग्राम स्वराज के हमने पैसा के जो रूल्स बनने थे हमने बो रूल्स बनाये लेकिन सरकार जाने के बाद आज तक पैसा कानून को क्यू लागु नहीं किया गया? जितने भी सिड्यूल एरियाज है उन सिड्यूल एरियाज में क्यू नहीं अधिकार दिया गया? मेरे कार्य काल में हमने 5th सिड्यूल और 6th सिड्यूल लागू करने के लिए केंद्र सरकार से इजाजत मांगी थी। और सर्व सम्मति से हमने विधानसभा से प्रस्ताव कराया था जो भारतीय जनता पार्टी की तत्कालीन सरकार ने उसको रिजेक्ट कर दिया। यह मूल रूप से आदिवासी विरोधी हैं।
आज एक बात और देख लीजिये पहली बात तो हेरिटेज हमारा पार्ल्यामेंट बिल्डिंग है उस हेरिटेज पर्ल्यामेंट बिल्डिंग में पूरे तरीके से सारी व्यवस्थाएं हैं। उसी में अगर कोई कमी थी तो उसी को रेनोवेट कर सकते थे लेकिन हजारो करोडो लगा के नया पर्ल्यामेंट बिल्डिंग बनाई है और साथ में भारतीय संविधान के आर्टिकल 79 में इसका प्रावधान है की पर्ल्यामेंट का मुखिया महामहिम राष्ट्रपति होते हैं, स्पीकर होते हैं, राज्यसभा के चेयरमैन होते हैं और इनके अंतर्गत ही पर्ल्यामेंट चलती है। बिना राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के, बिना गवर्नर के हस्ताक्षर के सदन चल ही नहीं सकता। लेकिन मोदी जी का अहम् अहंकार और स्वयं को महिमा मंडित करने का जो उनका एक तरीका है उसकी अब वो चरम सीमा पर पहुंच गए हैं। इस पर मैं आप से कहना चाहता हूं कि महामहिम राष्ट्रपति जी जो कि आदिवासी हैं उनके साथ अपमान जनक व्यवहार मोदी जी ने किया है जो उनको इनवाईट तक नहीं किया, इनके हाथ से ना शिलान्यास कराया, ना उदघाटन करा रहे हैं। 28 मई को यह पूरे भारत में रहने वाले आदिवासियों का अपमान है, पूरे भारत के नागरिक जिनको कि भारतीय संविधान में भरोसा है उसका अपमान है।
साथियों नोट बंदी के बारे में आप सब को मालूम ही है 2000 का नोट आया, क्यू लाये नोट बंदी क्यू की? और सात साल बाद यह नोट बंद क्यू किये जा रहे है लाये क्यू? बंद क्यू किये? हजारों करोडो रू इन्होने इसकी डिजाइने में इसके साइज़ में इसके एटीएम को परिवर्तन करने में खर्चा हुआ यह किसकी जिम्मेदारी है?
15 महीने के अन्दर कमलनाथ जी ने लेंड माफिया के खिलाफ जो कार्यवाही की थी उससे घबरा कर लेंड माफिया और बड़े बड़े बिल्डर्स से पैसा लेकर भाजपा ने कांग्रेस के विधायकों को ख़रीदा। लेकिन अब हमें भरोसा है की म.प्र की जनता इतना बड़ा बहुमत कांग्रेस को देगी की कोई खरीदना भी चाहे तो नहीं बिकेंगे।