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(राजकिशोर सोनी)
रायसेन जिले के महगवां स्थित राम जानकी मंदिर के महंत विजय रामदास की पुलिस कस्टडी में मौत के  मामले में पुलिस की जांच में अनेक तथ्य सामने आए हैं। वहीं परिजन उनकी मौत को षडयंत्र के तहत की गई हत्या बता रहे हैं। हालांकि महंत की पुलिस कस्टडी में मौत मामले में SP ने महिला थाना प्रभारी अपाला सिंह ,दो प्रधान आरक्षक दिलीप भदौरिया , रणविजय सिंह और दो कांस्टेबल महेंद्र राजपूत ,संजय शाक्य को सस्पेंड कर दिया है । 
 महंत विजय रामदास के मोबाइल की कॉल डिटेल से महंत पर  पुलिस का शक गहराया .... 
कॉल डिटेल निकालने पर यह बात सामने आई की महंत द्वारा पीड़ित परिवार के एक ही फोन पर लंबी-लंबी बाते की हैं। जिनका रिकार्ड पुलिस को मिला है। इसके आधार पर पुलिस का शक महंत पर पुख्ता होता चला गया। घटना के बाद जब पीड़ित बच्ची को वन स्टॉप सेंटर में काउंसलिंग के लिए लाया गया, उस समय भी महंत द्वारा उनको लगातार फोन किया जा रहा था। इसके बाद पुलिस ने पीड़ित बच्ची की सहेलियों से भी बात की। इसमें भी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां पुलिस के सामने आई। इन जानकारियों के आधार पर अक्टूबर 2024 में महंत महेंद्र विजय रामदास का DNA सेंपल और नाबालिग बच्ची के भ्रूण के DNA की जांच कराई गई। पुलिस को भोपाल से मिली डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटव पाई गई।
पुलिस के लिए इस मामले की यह तक पहुंचने के लिए चुनौतियां भी कम नहीं थीं.....
12 साल 8 महीने की अबोध बालिका के साथ हुई दुष्कर्म की घटना के कारण बालिका गर्भवती हो गई। जब बालिका का गर्भ 6 महीने का हो गया तो परिजनों ने 7 जनवरी 2024 को सिलवानी थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया। इस दौरान अज्ञात आरोपी पर पॉक्सो एक्ट के तहत दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया था। इस दौरान भी पीड़ित पक्ष द्वारा आरोपी का नाम और घटना स्थल नहीं बताया गया है। पुलिस ने काफी मशक्कत की तब DNA टेस्ट के माध्यम से आरोपी तक पुलिस पहुंच पाई।
उधर परिजन ने महंत की मौत मामले में लगाए आरोप

पुलिस अभिरक्षा में महंत के मौत के मामले में उसी दिन एसपी पंकज कुमार पांडेय ने जिला न्यायाधीश को पत्र लिखकर पूरी जानकारी दी। इसके बाद जीएमएफसी द्वारा घटना क्रम की जांच शुरु कर दी गई। जांच के बाद ही ये बात सामने आ पाएगी की इस घटना में पुलिस की लापरवाही रही है या नहीं। हालांकि परिजन द्वारा महंत की मौत के मामले में तरह-तरह की आरोप लगाए गए हैं, पुलिस का  कहना है कि मामले की न्यायिक जांच की जा रही है। इसलिए  इस मामले में कुछ नहीं कह सकते। अब पूरे मामले की न्यायिक जांच पूरी होने के बाद ही मामला साफ हो पाएगा ।
संदर्भ वश उल्लेखनीय है कि 
रायसेन जिले के महगवां स्थित राम जानकी मंदिर के महंत विजय रामदास की पुलिस कस्टडी में मौत के  मामले में  जिला पुलिस अधीक्षक पंकज पांडे ने महिला थाना प्रभारी अपाला सिंह ,दो प्रधान आरक्षक दिलीप भदौरिया , रणविजय सिंह और दो कांस्टेबल महेंद्र राजपूत ,संजय शाक्य को  सस्पेंड कर दिया है । 
SP पंकज पांडे ने बताया कि महिला  थाना प्रभारी सहित 5 पुलिस कर्मियों को कल शाम निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। 
सभी पर पुलिस कस्टडी में महंत की सुरक्षा में लापरवाही का मामला है । कल देर शाम महंत को जल समाधि देकर उनके पैतृक गांव में अंतिम विदाई दी गई। इससे पूर्व महंत के परिजन और शिष्यों ने तीन घंटे तक शब रखकर आक्रोश जताया। बाद में पुलिस की समझाइश पर महंत को भारी पुलिस बल की उपस्थिति में जल समाधि देकर अंतिम विदाई दी। 
24 दिसंबर को पुलिस कस्टडी में महंत विजय रामदास की मौत हो गई थी । 
महंत पर एक नाबालिग से दुष्कर्म का आरोप था ,इस मामले में न्यायिक जांच के आदेश हुए हैं। 
उल्लेखनीय है कि रायसेन जिले के सिलवानी थाना क्षेत्र के महगवा कला में एक नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में ग्राम के ही राम जानकी मंदिर के महंत विजय रामदास की मंगलवार को  गिरफ्तारी के वाद मंगलवार को ही पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी । पुलिस महंत को घटना स्थल के मुआवने के लिए लेकर गई  थी । पुलिस का कहना है कि महंत वाश रूम जाने  का कहकर गए थे लेकिन उन्होंने उसी दौरान कीटनाशक पी लिया । जिन्हें रायसेन अस्पताल लाते समय मौत हो गई । जबकि महंत के समर्थकों ने कुछ लोगों पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं। महंत विजय रामदास पर एक नाबालिग ने  जनवरी 2024 में मामला दर्ज कराया था । 

 

 

 

न्यूज़ सोर्स : Icn