जापान के नागोया में पहली बार निकली भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा,भारत-जापान मैत्री को मजबूत करने अब हर साल निकलेगी रथयात्रा
जापान के नागोया में पहली बार निकली भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा,भारत-जापान मैत्री को मजबूत करने अब हर साल निकलेगी रथयात्रा
indiacitynews.com
भोपाल। भगवान जगन्नाथ के प्रति आस्था जापान में भी देखी गई है। यहां रह रहे भारतीयों और जापानी नागरिकों ने सोमवार को पहली बार भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा का आयोजन किया। दोनों देशों के कलाकारों ने सांस्कृातिक प्रस्तुतियां दीं।
भारत-जापान मैत्री को और अधिक मजबूत करने के लिए अब प्रतिवर्ष भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा विधि-विधान से निकाली जाएगी। कार्यक्रम में जापान में भारत के राजदूत सिबी जॉर्ज एवं नायोया के मेयर ताकाशी कावामूरा भी सम्मिलित हुए।
ऑटो मोबाइल उद्योग के लिए विश्व में प्रसिद्ध नागोया जापान के चुबु क्षेत्र का सबसे बड़ा नगर है। यह जापान का तीसरा सबसे बड़ा और चौथा सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला महानगर होने के साथ ही आइची प्रांत की राजधानी है। यहां बड़ी संख्या में अप्रवासी भारतीय भी रहते हैं।
आयोजन से जुड़े ऑटोमोबाइल इंजीनियर निशांत पाठक ने बताया कि भारत एवं जापान की मित्रता को दर्शाती भव्य जगन्नाथ यात्रा मंत्रोच्चार के साथ संपन्न हुई। इस अवसर पर भगवान जगन्नाथ की विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई। कार्यक्रम को जापानी भाई-बहनों ने भी उत्सााह के साथ बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। इस मौके पर भारत एवं जापान के कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। मध्य प्रदेश निवासी नीर पाठक ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुति दी। भारत से मशहूर ओडिसी नृत्य गुरु गजेंद्र कुमार पांडा, तबला वादक पंडित प्रसेनजित पोद्दार, गायिका विदुषी संगीता पांडा भी सम्मिलित हुए। वहीं जापान के कलाकारों ने भारतीय नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।
*जगन्नाथ को अर्पित किए छप्पन भोग*
श्री जगन्नाथ जी की स्थापना केसुुगुई क्षेत्र में रहने वाले श्रीरुद्र मोहंती के निवास पर हुई। पूरे भक्ति भाव से आयोजित इस समारोह में भगवान जगन्नाथ जी को छप्पन भोग लगाया गया। अंत में भारतीय प्रसाद वितरित किया गया। आयोजन से जुड़े भारतीय-जापानी समुदाय ने यह तय किया कि अब प्रतिवर्ष जगन्नाथ जी रथ यात्र निकाली जाएगी।
*भारत और जापान के देवता भी एक*
भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज ने सभी को संबोधित करते हुए कि भारत और जापान में एक ही भगवान को माना जाता है। उन्होंने कहा कि भारत एवं जापान में सरस्वती जी, गणेश जी, महाकाल एवं भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है।