शिव के समझाने पर भी नहीं मानी साधना ,1365 सीढियां चढ़कर भगवान भोलेनाथ को त्रिशूल चढ़ाया.... पचमढ़ी के सबसे ऊंचे पहाड़ पर पैदल पहुंचीं
मनोकामना पूरी होने पर इस मंदिर में चढ़ाया जाता है त्रिशूल


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मध्यप्रदेश के  मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की धर्मपत्नी साधना सिंह ने पचमढ़ी के सबसे ऊंचे पहाड़ चौड़ागढ़ पर पैदल चढ़कर भगवान भोलेनाथ के मंदिर में त्रिशूल चढ़ाया। सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली में थे। उनकी पत्नी साधना सिंह पचमढ़ी पहुंची थीं। दिल्ली में जब उन्हें पता चला कि साधना सिंह चौड़ागढ़ पहाड़ पर पैदल जा रही हैं तो उन्होंने फोन पर समझाया कि पहाड़ की 1365 सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होगी और पैरों में दर्द भी होगा। लेकिन साधना सिंह की भक्ति ने उन्हें शक्ति दी और वे पहाड़ पूरा चढ़कर मंदिर पहुंच गईं। यह किस्सा स्वयं शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली से लौटकर एक कार्यक्रम में सुनाया।


यहां की मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर भक्त पैदल पहाड़ पर पहुंचकर भगवान भोलेनाथ के दरबार में त्रिशूल चढ़ाते हैं।
चौड़ागढ़ का महत्व
पचमढ़ी के सबसे ऊंचे पहाड़ चौड़ागढ़ की चोटी पर भगवान भोलेनाथ का मंदिर हैं। यहां श्रद्धा व भक्ति से आने वाले भक्तों की मनोकामना पूरी होती है। लगभग 28 वर्ष पहले इस मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा को किसी पागलपन व्यक्ति ने खंडित कर दिया था।

तब कांग्रेस नेता कमलनाथ ने इस मंदिर के लिए नई प्रतिमा बनवाई थी और शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती महाराज से इस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा कराई थी।

न्यूज़ सोर्स : Icn