योगी सरकार के धर्मांतरण कानून विधेयक का विरोध करेगी सपा

लखनऊ । समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि धर्मांतरण कानून विधेयक विधानसभा में आएगा, तब सपा इसका विरोध करेगी। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल की मंजूरी के बाद कथित ‘लव जिहाद' रोकने के लिए 'उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020' की अधिसूचना शनिवार को ही जारी की गई है। अखिलेश शनिवार को सपा मुख्यालय में पूर्व सांसद चौधरी बिजेंद्र सिंह, पूर्व दर्जा प्राप्त मंत्री लियाकत अली, पूर्व विधायक जमीरउल्ला तथा कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) समेत कई दलों को छोड़कर पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करने के बाद पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। कथित ‘लव जिहाद' पर सरकार द्वारा बना रहे कानून के सवाल पर यादव ने कहा कि सपा इसतरह के किसी कानून के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इसका पूरी तरह विरोध करेगी और सरकार से पूछेगी कि किसान की आय बढ़ाने वाला कानून कब ला रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ अंतरजातीय और अन्तर्धामिक विवाह को प्रोत्साहन दे रही और दूसरी तरफ इस तरह का कानून बना रही है, यह दोहरा बर्ताव क्यों है? यादव ने भाजपा सरकार पर सपा के कार्यों की नकल का आरोप लगाकर कहा, जनता समाजवादियों के सिद्धांतों को समझकर हमें पुन:मौका देगी और 2022 के बाद माहौल बेहतर हो जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री पर तंज कसते हुए सवाल उठाया ''भाजपा की सरकार और भाजपा के लोगों से अच्छा और बड़ा झूठ कोई नहीं बोल सकता है। भाजपा की सरकार ने ऐसा फैसला लिया है कि 2022 तक उत्तर प्रदेश में सोलर पैनल से दस हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो जाएगा, क्या यह संभव है।
किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसानों पर इस तरह की लाठी और इस तरह का आतंकी हमला किसी सरकार ने नहीं किया होगा जितना भाजपा की सरकार में हो रहा है। अखिलेश ने भाजपा सरकार में धान की कथित लूट और क्रय केंद्रों की बदहाली का जिक्र किया और सीतापुर जिले के किसानों की समस्याओं पर ऑनलाइन एक संवाद भी कराया। सपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मिस्ड काल की व्यवस्था से भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है, लेकिन हम जानना चाहते हैं कि वह नंबर बता दो जहां किसान धान पहुंचा दे और उसे उसकी कीमत मिल जाए। वह कानून बना दो जिससे किसानों को दोगुनी कीमत और नौजवानों को नौकरी नहीं तो रोज़गार ही मिल जाए।'