नोएडा । नोएडा में इस सप्ताह यमुना किनारे आई बाढ़ से प्रभावित हुए हजारों लोगों में सैकड़ों की संख्या में वे लोग भी शामिल हैं जिन्हें नदी के पास निचले इलाकों में अवैध रूप से बने कई फार्महाउस में काम करने के लिए रखा गया था। अधिकारियों ने कहा कि चेतावनी के बाजवूद समय रहते इन लोगों को बाहर नहीं ले जाया गया और बाढ़ में फंसने के कारण उनके पास उपलब्ध भोजन-पानी तेजी से खत्म हो रहा था। ऐसे में फंसे हुए कई लोगों की जान जा सकती थी। 
सरकारी अधिकारियों ने कहा कि कई फार्महाउस के श्रमिकों और कर्मचारियों (हजारों की संख्या में) को समय पर सुरक्षित स्थान पर नहीं ले जाया गया, जबकि क्षेत्र के जलमग्न होने को लेकर काफी पहले परामर्श जारी कर दिया गया था। 
ये फार्महाउस सेक्टर 135 में नगली वाजिदपुर गांव के पास यमुना पुश्ता (तटबंध) के दूसरी तरफ स्थित हैं जो नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे से लगभग दो किलोमीटर दूर हैं। 
राहत एवं बचाव कार्य में शामिल एक अधिकारी से कहा, ‘‘कई फार्महाउस से बृहस्पतिवार और शुक्रवार को ऐसे 500 से अधिक लोगों को निकाला गया। जैसे ही पानी निचले हिस्से में घुसा, ये लोग फंस गये जिनमें कई महिलाएं भी शामिल थीं। इसके बाद इन लोगों ने अपने-अपने फार्महाउस की दूसरी मंजिल पर शरण ली थी। उनके पास जो भी भोजन-पानी था, वह अब खत्म होने लगा था।
इनमें से कई फंसे हुए लोगों का पता बृहस्पतिवार को तब चला जब शीर्ष पुलिस अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी बाढ़ वाले इलाकों में नाव पर सवार होकर जायजा लेने के लिए अंदर तक गये। 
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, प्रांतीय सशस्त्र कांस्टेबुलरी, नोएडा पुलिस, फायर ब्रिगेड, नोएडा प्राधिकरण और स्थानीय गांव के निवासियों की कई टीम बचाव कार्य में लगी हुई थीं। 
एक सर्वेक्षण में इस तरह के करीब 500-600 अवैध निर्माण कार्य की उपस्थिति का अनुमान लगाया गया है जिनके खिलाफ आगामी दिनों में कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि बाढ़ के कारण गौतमबुद्ध नगर में 550 हेक्टेयर भूमि पानी में डूब गई। बाढ़ के कारण ग्रेटर नोएडा के यमुना किनारे के जेवर क्षेत्र और हिंडन के किनारे बसे लोग भी प्रभावित हुए, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित नोएडा के लोग हुए।