छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में धर्मांतरण को लेकर सोमवार को हुए बवाल मामले में पुलिस ने भाजपा जिलाध्यक्ष रूपसाय सलाम सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। इन सभी पर चर्च में तोड़फोड़ और पुलिस पर हमला करने का आरोप है। वहीं भाजपाइयों की गिरफ्तारी के बाद पहुंचे भाजपा सांसद संतोष पांडेय, मोहन मंडावी और नेता केदार कश्यप व महेश गागड़ा को रास्ते में रोक लिया गया है। इसके बाद वे सड़क पर ही धरने पर बैठ गए हैं। 

जिले के बखरूपारा में तनावपूर्ण शांति छाई हुई है। उपद्रव स्थल से लेकर गांवों में करीब पांच हजार जवान तैनात हैं। वीडियो रिकॉर्डिंग के आधार पर आरोपियों की धरपकड़ शुरू हो गई है। देर रात 35 से 40 लोगों को भी घर से उठाया गया है। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच नारायणपुर पहुंचे भाजपा नेताओं को रोकने पर वे बेनूर गांव में सड़क पर ही बैठ गए। अफसरों के समझाने पर वे उठने को राजी हुए। इसके बाद से ही सीएसपी कार्यालय के बंद कमरे में बैठक जारी है।

दूसरी ओर भाजपा ने विधानसभा के सामने महात्मा गांधी की मूर्ति के पास प्रदर्शन किया। हाथों में पोस्टर लिए पूर्व सीएम रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल सहित अन्य विधायक प्रदर्शन में शामिल रहे। पूर्व सीएम ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की धरती पर प्रकृति के संरक्षक आदिवासी समुदाय पर ईसाई मिशनरी हमला कर रहे हैं और कांग्रेसी सरकार उन्हें बढ़ावा दे रही है। आदिवासियों की आवाज अब दबाई नहीं जा सकती, जब दाऊ आदिवासियों को न सुरक्षा और न ही आरक्षण दे पा रहे हैं तो इस्तीफा दे दें।
 
दरअसल, धर्मांतरण के विरोध में सोमवार को आदिवासी समुदाय के लोग प्रदर्शन के लिए बखरूपारा में एकत्र हुए थे। इस दौरान भीड़ ने चर्च पर हमला कर दिया और तोड़फोड़ शुरू कर दी। यहां तक कि चर्च के पीछे स्थित स्कूल को भी नहीं छोड़ा। जिस समय स्कूल की छुट्टी होने वाली थी, तभी भीड़ ने हमला किया। स्कूल में भी तोड़फोड़ की गई। टीचरों ने बच्चों को बचाने के लिए अंदर बंद कर दिया। एसपी समझाने के लिए पहुंचे तो उपद्रवियों ने जवानों पर हमला कर उनका ही सिर फोड़ दिया था।