प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का अभिषेक 108 कलशों से होगा
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सकल दिगंबर जैन समाज रायसेन द्वारा प्रथम बार श्री 1008 पार्स्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ का अभिषेक 108 कलशों से 3 मई 202 2 को प्रातः 7:30 बजे संपन्न होगा उक्त आशय की जानकारी देते हुए समाज के प्रचार प्रसार व्यवस्थापक राकेश जैन ने बताया की 48 रिद्धि मंत्रों से शांति धारा की जायेगी यह कार्यक्रम इस लिए रखा जा रहा है क्योंकि जैन धर्मावलंबियों के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जो कि एक राजा थे आप के राज दरबार में एक नर्तकी नीलांजना का नृत्य चल रहा था नृत्य करते-करते बह नर्तकी की आयु पूर्ण हो गई और वह स्वर्गवासी हो गई तब भगवान ने समझ लिया की जीवन क्षणभंगुर है आपने तुरंत राज पाट छोड़कर वन की और प्रस्थान किया और 6 महीने की कठिन तपस्या के उपरांत आहार के लिए निकले लेकिन उस काल में आहार की विधि कोई जानता नहीं अतः पड़गाहन नहीं हो पा रहा तब राजा श्रेयांश को अपने पूर्व भव का ज्ञान का हुआ उन्होंने भगवान को गन्ने के रस का आहार दान दिया तभी से जैन धर्म में आहार प्रक्रिया की परंपरा प्रारंभ हुई इस अवसर पर वह सारे नाम शांति धारा में बोले जाएंगे जिन्होंने जल पात्र में सहयोग राशि दी है या शांति धारा के लिए बोली है इन अद्भुत पलों को देखने से कोई वंचित न रह जाए जैन समाज के प्रत्येक परिवार से प्रत्येक सदस्य मंदिर जी में उपस्थित होने की अपील की गई है पुरुष वर्ग सफेद धोती में एवं महिला वर्ग महिला मंडल की साड़ी पहनकर उस दिन इस कार्यक्रम मैं सम्मिलित होंगे सारे कार्यक्रम का निर्देशन बुद्ध सेन जी जैन द्वारा किया जाएगा कार्यक्रम के उपरांत रायसेन अस्पताल में फलों का वितरण किया जाएगा*