अखिल भारतीय विद्यार्थी शिक्षा मध्य भारत नर्मदापुरम में हुए अधिबेशन में छात्र मांग पत्र को लेकर दिया ज्ञापन
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(सोरभ सोनी रायसेन की रिपोर्ट )
रायसेन। कोरोना की विशेष परिस्थितियों में ना केवल पूरा देश और देश प्रभावित है अभी तू किसी भी देश के मूल धार कहने वाली शिक्षा व्यवस्था भी यह उस से अछूती नहीं है कोरोना संक्रमण काल मैं शिक्षा व्यवस्था वह भी बड़ी क्षति पहुंची है भाई नवाज चारों की संभावनाओं के ऊपर भी नए अवसर पैदा किए गए हैं
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मध्य भारत प्रांत के यहां 54 में प्रांत अधिवेशन यह शिवचरित्र मत है कि समस्याओं को समाधान की ओर ले जाने के डिस्टिक और को विकसित करते हुए शिक्षा क्षेत्र में भी नई संभावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है
आता आभा पीपा मध्य भारत प्रांत का 54 वा प्रांत अधिवेशन यह मांग करता है कि
(1) राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला मध्य प्रदेश देश में अग्रिम राज्य में से एक है राष्ट्रीय शिक्षा नीति की व्यापक बहस आज भी उतनी ही आवश्यक है जिसके कारण विद्यार्थी और शिक्षक समुदाय उनके अनुरूप भविष्य की संभावनाओं को देख सकें
(2)उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सुचारु रुप से लागू करने हेतु राज्य शासन द्वारा तुरंत एक कियान्वयन समिति की घोषणा की जाए
(3) तकनीकी शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रिया वन्य हेतु शासन द्वारा तुरंत प्रारूप घोषित किया जाए
(4)तकनीकी शिक्षा एवं चिकित्सा शिक्षा को भी मातृभाषा हिंदी में पढ़ने की व्यवस्था हेतु पाठयक्रमों का तुरंत हिंदी अनुवाद किया जाए
(5) मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा संस्थानों का एनआईआरएफ रैंकिंग में नहीं आना यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है साथ ही तकनीकी शिक्षा के तकनीकी विश्वविद्यालय एमबीए रेटिंग प्रतीक्षारत है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के मांग करती है कि तुरंत शिक्षा संस्थानों के एनएसईसी एनआईआरएफ एनबीए जैसे मूल्यांकन हेतु तैयार किया जाए
(6) आज मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय नियमित शिक्षकों की कमी से जूझ रहे अभी बीबा का शुभ शुभ चरित्र मत है कि विश्वविद्यालयों में खाली पड़े पदों के ऊपर तुरंत शिक्षकों की नियुक्ति की जाए
(7)प्रदेश के शासकीय महाविद्यालय नियमित विचारों के अभाव में हैं अभी पा मांग करता है कि शासकीय महाविद्यालय में तुरंत नियमित परिचार्य की नियुक्ति की जाए
(8 ) जुलाई 2021 से सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में संस्कृत विषय का एक प्राध्यापक पद स्वीकृत ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है आप अभी का मानना है कि संस्कृत विषय के रिक्त पदों पर तुरंत भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए
( 9 )मध्य प्रदेश के अधिकतर विश्वविद्यालयों में संस्कृत भाषा ना होना संस्कृत भाषा में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए अन्याय करता है
(10) दिन प्रतिदिन विश्वविद्यालयों की शासकीय ग्रेट में हो रही कटौती यह तुरंत भरपाई की जाए एवं शिक्षा के नए आयामों को विकसित करने हेतु तथा व्यवस्थाओं को सुचारू बनाने हेतु अतिरिक्त ग्रेट राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई जाय।

न्यूज़ सोर्स : Sourabh soni