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हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान, दार्जिलिंग में मई में, 1 माह की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया था। इस ट्रेनिंग में देश भर के 66 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिसमे से 45 ने ही सफलता हासिल की। अंजना यादव ने भोपाल और प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हुए सफलता हासिल की और प्रदेश का गौरव बढ़ाया। रेनोक पीक फतह के सफर की शुरुआत हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान में रॉक क्लाइंबिंग, रैपलिंग, आइस ऐक्स-क्लाइंबिंग, रेस्क्यू तकनीक,सेल्फ अरेस्ट, ग्रुप अरेस्ट आदि का प्रशिक्षण लेते हुए, प्रारंभ में टाइगर हिल की 22 किमी की चढ़ाई की।
टाईगर हिल की चढ़ाई के बाद युकसम पीक की तरफ बढ़े, युकसम पीक, कंचनजंगा के प्रवेश स्थल से बखीम ट्रेक के दौरान 18 किलो के वजन के साथ 7 घण्टे का लगातार सफर तय करने के बाद 9,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंची। यहां से 13,218 फीट की ऊंचाई वाली डीजोंगरी हिमालयन रेंज की बर्फबारी में लगातार 8 घंटे के कठिन ट्रेक के बाद चोअरी-खांग 14,600 फीट पर पहुंचे। इसके बाद रहतोंग ग्लेशियर की भारी बर्फबारी में विपरीत परिस्थितियों में अंत में हिमालय रेंज की रेनोक पीक (सिक्किम) जिसकी ऊंचाई 16,500 फीट है पर 22 मई सुबह 11:42 बजे तिरंगा फहराया।

ज्ञात है कि अंजना यादव ने इसके पूर्व हिमाचल प्रदेश के युनाम पीक (20,000 फीट) पर 15 अगस्त को तिरंगा फहरा कर पूरे प्रदेश को गौरवान्वित किया था। साथ ही अंजना यादव फ्रेंडशिप पीक, पतालसु पीक आदि भी फतह कर चुकी है। अंजना ने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पिता आजाद सिंह यादव और अपने परिवार को दिया है।

न्यूज़ सोर्स : Icn