संत शिरोमणि परमहंस श्री राम बाबा ने 63 वा यज्ञ के लिए दिए एक लाख 51 हजार रुपये
(बेगमगंज से शरद शर्मा की रिपोर्ट)

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रायसेन जिले के संत शिरोमणि परमहंस श्रीराम बाबा जी महाराज ने सात दिवसीय 63 वा यज्ञ के आयोजन के लिए नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर समिति हरदोट के लिए 1 लाख 51 हजार रुपए मंदिर समिति को दिए एवं फलों का वितरण किया। इस दौरान मंदिर समिति के पदाधिकारी मंदिर के महंत सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कौन है श्री राम बाबा .....
श्री राम बाबा उदयपुरा के नाम से जाने जाते है कभी हनुमान मंदिर में डटे रहते हैं, तो कभी रास्ते में गायों को कुछ खिलाते दिख जाएंगे। ऐसा नहीं है कि वे गाय पर बहुत तरस खाते हों, बल्कि अगर उस वक्त कहीं कोई कुत्ता भी आ गया तो वह गाय को खिला रहे सामग्री के दो हिस्से करने में एक पल नहीं गंवाते। कई बार उनके भक्त जब अतिरिक्त भक्ति दिखाते हुए कुत्ते को धुत्कारते हुए भगाने लगते हैं, तो वे उस भक्त से खफा हो जाते हैं। श्री राम बाबा किसी को न अपना भक्त बनाते हैं न किसी को साथ लगाते हैं। उन्हें जो चीज पसंद आ जाती है चाहे रास्ते में चलते हुए उन्हें समोसा दिख जाएं तो पूरे समोसा खरीद लेते हैं या फिर कोई सब्जी वाले से अगर उन्हें कुछ खरीदना होता है वह सब कुछ खरीद लेते हैं ओर रास्ते चलते हुए बंदरों या गाय को खिला देते है। आप एक ऐसे फक्कड़ संत को घूमते पाएंगे, जिसके हाथ में कभी गदा होगा, तो कभी डंडा। कभी चेहरे पर हंसी का फव्वारा होगा तो कभी आनंद की मटकी। अनौपचारिक भगवा वस्त्रों में घुमंतू यह फक्कड़ साधु यहां श्री राम बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। उदयपुरा नगर में आमतौर पर श्री राम बाबा जी को करीब 40 साल से ऐसी ही अवस्था में देखा जा रहा है। हालांकि इसकी कोई पुष्ट व्याख्या न तो है न करने की आवश्यकता है। भक्ति में डूबे भक्तों को हो सकता है, बाबा अदृश्य परमात्मा नजर आते हों, लेकिन वे वास्तव में कबीर के पुनर्अवतारी जैसे जान पड़ते हैं। कबीर राम का नाम लेते थे, लेकिन श्रीराम बाबा राम के नाम को हर दुख (यानी असहज भाव मैं देखना चाहते है।
श्री राम बाबा देश के कोने कोने और विख्यात मंदिरों के पटो पर अपनी इच्छा शक्ति घूमते रहते हैं।

न्यूज़ सोर्स : Sharad sharma