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MP के हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना,लेकिन बैंड प्रशिक्षण संबंधी CM का आदेश नहीं मानने वाले पुलिसवालों पर गिरी गाज, 25 जवान सस्पेंड
मध्यप्रदेश में 15 अगस्त को प्रदेश के  मुख्यमंत्री डा मोहन यादव के आदेश के बाद बैंड प्रशिक्षण में जाने से मना करने के बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों में 25 पुलिस आरक्षक सस्पेंड कर दिए गए हैं। इन आरक्षकों का तर्क था कि हमारी भर्ती जनरल ड्यूटी के लिए हुई है ऐसे में हमें बैंड बजाने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है, जिसके बाद उन्हें आदेश का पालन नहीं करने पर निलंबित कर दिया गया । बैंड बजाने से मना करने वाले आरक्षक रायसेन, मंदसौर, खंडवा, हरदा और सीधी जिले के हैं इन्हें बैंड प्रशिक्षण में जाने के लिए वहां के एसपी ने आदेश जारी किया था।

पुलिस बैंड के लिए सीएम ने जारी किया था आदेश
दरअसल, साल 2023 में एमपी के सीएम मोहन यादव ने हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना के लिए आदेश जारी किया था इसके बाद सभी जिलों के एसपी को सीएम के आदेश वाला पत्र भेजा गया था इसमें कहा गया था कि जिला बैंड ईकाई में आरक्षक से लेकर एएसआई तक को शामिल किया जाएगा साथ ही इनकी उम्र 45 वर्ष से कम होनी चाहिए इसमें एक शर्त भी लिखी गई थी, कि उन्हें ही इस दल में शामिल किया जाए, जो इच्छुक हों।

इंदौर हाईकोर्ट ने दिया स्टे, ग्वालियर का समर्थन
सीएम के आदेश में स्पष्ट लिखा था कि बैंड दल में उन्हीं पुलिसकर्मियों को शामिल किया जाए, जो इसके इच्छुक हों इसके बावजूद रायसेन में 5, मंदसौर में 10, खंडवा में 4, हरदा और सीधी में 3-3 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है कई आरक्षकों ने इसके बाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और ये दलील दी कि एसपी ने बिना पुलिसकर्मियों की सहमति बैंड प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए आदेश जारी कर दिए 29 पुलिसकर्मियों ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगा थी जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया वहीं इस मामले में मुरैना के 5 आरक्षकों ने ग्वालियर हाईकोर्ट में याचिका दायर की जिसमें कोर्ट ने कहा कि संगीत देवदूतों की भाषा है सरकार ने हर जिले में पुलिस बैंड के गठन का फैसला कम्यूनिटी पुलिसिंग को ध्यान में रखकर किया है इसमें कुछ गलत नहीं है।

न्यूज़ सोर्स : Icn