आकर्षक सजावट प्रसिद्ध शिव मंदिर भोजपुर में विशालकाय शिवलिंग की पूजा करने के लिए उमड़े श्रद्धालु
आकर्षक सजावट प्रसिद्ध शिव मंदिर भोजपुर में विशालकाय शिवलिंग की पूजा करने के लिए उमड़े श्रद्धालु
(राजकिशोर सोनी)
India city news.com
महाशिवरात्रि पर्व पर रायसेन जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिर भोजपुर में विशालकाय शिवलिंग की पूजा करने के लिए तांता लगा हुआ है। यहां भक्तों की लंबी लंबी लाइन लगी हुई हैं। पुलिस के 150 से ज्यादा जबान डियूटी में तैनात होकर व्यवस्था सम्हाल रहे हैं। भोजपुर शिव मंदिर पर मेला भी आयोजित किया गया है।मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए प्रशासन द्वारा भी तैयारी की गई है।आस्था के कारण यहां वर्षभर श्रद्धालु शिवलिंग का पूजन करने आते हैं। महाशिवरात्रि व मकर संक्रांति पर विशेष मेला लगता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने उमड़ते हैं। पुरातत्वीय प्रमाणों के अनुसार मालवा के शासक परमारवंशीय राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में मंदिर का निर्माण कराया था।मप्र की राजधानी भोपाल से 30 किमी दूर स्थापित भोजपुर शिव मंदिर को लेकर जो प्रमाण मौजूद हैं उससे यह दुनिया का अनूठा स्मारक बना हुआ है। यह राष्ट्रीय महत्व का पुरातत्व संरक्षित स्मारक है। मंदिर के गर्भगृह में स्थापित चमकदार बलुआ पत्थर से निर्मित 2.03 मीटर ऊंचा शिवलिंग है जो विश्व में 11वीं शताब्दी की प्राचीनता में कहीं नहीं है। इसे विश्व धरोहर में शामिल करने मप्र पुरातत्व विभाग ने यूनेस्को को प्रस्ताव भेजा है। मंदिर के बाहर लगे पुरातत्त्व विभाग के शिलालेख अनुसार इस मंदिर का शिवलिंग भारत के मंदिरों में सबसे ऊंचा एवं विशालतम शिवलिंग है। इस मन्दिर का प्रवेशद्वार भी किसी हिन्दू भवन के दरवाजों में सबसे बड़ा है।विश्व संरक्षित धरोहर में शामिल करने के लिए यूनेस्को के पास प्रस्ताव विचाराधीन है। आस्था के कारण यहां वर्षभर श्रद्धालु शिवलिंग का पूजन करने आते हैं। महाशिवरात्रि व मकर संक्रांति पर विशेष मेला लगता है। जिसमें लाखों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन करने उमड़ते हैं। पुरातत्वीय प्रमाणों के अनुसार मालवा के शासक परमारवंशीय राजा भोज ने 11वीं शताब्दी में मंदिर का निर्माण कराया था। किन्ही कारणों से शिखर निर्माण का कार्य अधूरा रह गया। लेकिन मंदिर निर्माण की अद्भुत कला के कारण यह दुनिया का अजूबा स्मारक माना जाता है।