तहसीलदार का आडियो बायरल मामला...भोपाल कमिश्नर नाराज...कलेक्टर अरविंद दुबे का कड़ा रुख...तहसीलदार के खिलाफ जांच के आदेश ...
तहसीलदार का आडियो बायरल मामला...भोपाल कमिश्नर नाराज...कलेक्टर अरविंद दुबे का कड़ा रुख...तहसीलदार के खिलाफ जांच के आदेश ...
indiacitynews.com
रायसेन जिले में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन रुक नहीं रहा है। लगातार शिकायतों के बाद रायसेन जिले के देवरी तहसीलदार विराट अवस्थी उत्खनन स्थल पर तो पहुंचे...लेकिन रेत माफिया की रेत से भरी ट्रैक्टर ट्रालियों की फोटो खींची और वापस आ गए....
कोई भी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की गई.....इससे संबंधित तहसीलदार से बातचीत का एक आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अवैध उत्खनन मामले में जिला कलेक्टर अरविंद दुबे ने कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने रायसेन जिले के देवरी क्षेत्र में तहसीलदार विराट अवस्थी के एक आडियो वायरल के मामले में आज ही एसडीएम बरेली मुकेश सिंह को जांच सौंपी है।
स्थिति यह है की रायसेन जिले में खनिज विभाग की मिली भगत से रेत का अवैध उत्खनन लगातार हो रहा है। लेकिन कार्यवाही राजस्व विभाग या पुलिस विभाग को करनी पड़ती है।
नगर परिषद देवरी के समीप रिछावर, शैकलपुर नर्मदा घाटों पर प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलीआ अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध उत्खनन कर रही हैं उल्लेखनीय है कि देवरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले नर्मदा तट के रेत घाटों पर जमकर इस समय रेत माफिया सक्रिय हैं बिना कोई भय और डर के दिनदहाड़े रेत भरकर ले जा रहे हैं ऐसा ही एक मामला आज प्रकाश में आया जब रिछावर घाट पर देवरी तहसील प्रभारी विराट अवस्थी जी को अवैध रेत उत्खनन की जानकारी कई बार दी गई तब जाकर नायब तहसीलदार विराट अवस्थी रिछावर नर्मदा घाट पर पहुंचे जहां सैकड़ों की तादाद में ट्रैक्टर ट्रालीआ भरकर रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा था पहुंचे तहसीलदार केवल नर्मदा घाट पर मूकदर्शक बने रेत माफियाओं की भरी ट्रैक्टर ट्राली को देखते रहे दूर से ट्रैक्टरों की फोटो खींची और वहां से चलते बने
अब प्रश्न खड़ा यह होता है कि अवैध रेत उत्खनन करने वाले माफियाओं पर तहसीलदार महोदय ने कार्रवाई क्यों नहीं की केवल फोटो खींचकर ही क्यों आ गए। जबकि प्रशासनिक मामलों में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ अधिकारी तत्काल रेत माफिया वाले व्यक्तियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करते है ।पर इस मामले में यह नहीं हुआ यह बड़े आश्चर्य की बात है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री किसी भी प्रकार के अवैध रूप से उत्खनन करने वाले माफियाओं को जमीन में गाड़ने की बात करते हैं। लेकिन उनके वरिष्ठ अधिकारी उन्हीं की बात का मजाक बना देते हैं।