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इंदौर से एक महत्‍वपूर्ण खबर है। एक दुष्‍कर्म पीडि़ता का कहना है कि जज ने उससे जिस तरीके से सवाल पूछे और बात की वह बहुत ही आपत्तिजनक था। जज की इस हरकत से उसके आत्‍म सम्‍मान को ठेस पहुंची है। युवती ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से शिकायत करते हुए यह भी कहा है कि अगर उसे न्‍याय नहीं मिल सकता तो इच्‍छा मृत्‍यु दे दी जाए।
दुष्‍कर्म पीडि़ता के साथ हुआ था लव जिहाद।
जज ने आपत्तिजनक भाषा में किए सवाल।
 *वकील ने आपत्ति ली तो डांटकर बैठा दिया।* 
इंदौर। एक दुष्कर्म पीड़िता ने राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधिपति (सीजेआई), राष्ट्रीय महिला आयोग और हाई कोर्ट के प्रशासनिक न्यायमूर्ति को पत्र लिख कर शिकायत की है कि जिला न्यायालय के एक न्यायाधीश ने खुले कमरे में उसके बयान लिए और प्रतिपरीक्षण के दौरान आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया। युवती ने पत्र में कहा है कि न्यायाधीश ने मुझसे अश्लील तरीके से चर्चा की और आरोपित के वकील को जैसा विश्वास दिलाया गया उससे मुझे लगता है कि मुझे उनके न्यायालय में न्याय नहीं मिलेगा। जिन शब्दों के साथ न्यायाधीश ने मेरे चरित्र का हनन कर स्त्रियोचित गरिमा का हनन किया है वह वापस लौटाना संभव नहीं है। युवती ने पत्र में यह भी लिखा है कि अगर उसे न्याय नहीं दिलवाया जा सकता है तो उसे इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान की जाए।
 *कोर्ट में मौजूद लोग हंस रहे थे* 
पत्र लिखने वाली युवती की शिकायत पर पुलिस ने कुछ समय पहले ही अशरफ मंसूरी नामक युवक के खिलाफ दुष्कर्म और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव बनाने का केस दर्ज किया था। इस प्रकरण की सुनवाई जिला न्यायालय में चल रही है।
युवती ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रकरण की सुनवाई के दौरान प्रतिपरीक्षण में जज ने पहले तो कोर्ट कक्ष के दरवाजे खुलवाए और फिर मुझसे ऐसे सवाल पूछे जिन्हें सुनकर मेरे सिर शर्म के मारे झुक गया।
उस वक्त कोर्ट रूम में मौजूद लोग हंस रहे थे। जज ने मुझे बाजारू लड़की बताते हुए मेरे चरित्र पर सवाल उठाया। मेरे वकील ने जब इस पर आपत्ति ली तो जज ने मेरे वकील को डांटकर बैठा दिया।
 *लव जिहाद का शिकार हुई थी युवती* 
23 वर्षीय इस युवती का कहना है कि उसकी 2019 में हेलो एप के माध्यम से आरोपित अशरफ मंसूरी से दोस्ती हुई थी। आरोपित ने खुद का नाम आशु बताया था और कहा था कि वो हिंदू है। उसने शादी का झांसा देकर पीड़िता के साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाए और उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाया।
 *शादी से इनकार के बाद दर्ज कराया केस* 
बाद में जब आरोपित ने शादी से इनकार कर दिया तो 12 दिसंबर 2023 को पीड़िता ने जूनी इंदौर थाने पहुंचकर आरोपित के खिलाफ धारा 376, 354, एससी-एसटी एक्ट और मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया। आरोपित फिलहाल जेल में है।

न्यूज़ सोर्स : Icn