रायसेन जल्द शुरू होगा पत्रकारिता पाठ्यक्रम
India city news.com
सांची विश्वविद्यालय अब भारत और विश्व के कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों को ट्रेनिंग देगा। भारतीय दर्शन के विभिन्न आयामों को कॉरपोरेट सेक्टर में स्ट्रैस मैनेजमेंट और बेहतर तथा रचनात्मक कार्यक्षमता पैदा करने के लिए जरूरी क्षमता विकसित करने में उपयोग किया जाएगा। इन पाठ्यक्रमों के लिए विश्वविद्यालय में बाकायदा दो नए विभाग भी सृजित किए गए हैं। कॉरपोरेट ट्रेनिंग विभाग तथा रणनीति व नीति निर्माण विभाग। इन विभागों के अंतर्गत सम-सामयिक विषयों पर कार्यक्रम एवं स्किल ट्रेंनिंग दी जाएगी। साथ ही बौद्ध पूजा पद्धति, साधना एवं संस्कारों को सिखाने के लिए भी 3 माह का सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरु किया जाएगा।
बौद्ध एवं भारतीय दर्शन को समर्पित सांची विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद ने कंप्यूटर साइंस, जनसंचार एवं पत्रकारिता के पाठ्यक्रम भी शुरू करने की मंजूरी दी। सामरिक अध्ययन केंद्र के तहत सांची विश्वविद्यालय कंप्यूटर साइंस, सोशियोलॉजी, राजनीति विज्ञान तथा पीस रिसर्च स्टडीज़ विभागों की भी स्थापना करने जा रहा है।
इनके पाठ्यक्रमों के अलावा सनातन धर्म एवं भारतीय समाज के रीति रिवाजों एवं मान्यताओं से जुड़े शोध एवं उनके वैज्ञानिक आधार पर कार्य करने के मकसद से विश्वविद्यालय द्वारा Centre for Intangible Societies & Traditions (अमूर्त समाज एवं मान्यताओं) के अध्ययन हेतु अलग से एक केंद्र बनाए जाने पर भी सहमति बनी है।
विद्या परिषद द्वारा सांची विश्वविद्यालय में प्राचीन ग्रंथों के हिंदी एवं अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद किए जाने के उद्देश्य से भी एक केंद्र खोले जाने की अनुमति प्रदान की है। वर्तमान दौर में प्राचीन ज्ञान के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए यह भारत शोध संस्थान के समन्वय में किया जाएगा।
सांची विश्वविद्यालय अगले सत्र से वास्तुशास्त्र एवं वैदिक दर्शन एवं विज्ञान विभाग भी स्थापित किया जाएगा। साथ ही बौद्ध चिकित्सा पद्धति एवं ज्योतिष विभाग की भी स्थापना को भी विद्या परिषद की मंज़ूरी मिल गई है। इसी के तहत पुस्तकालय विभाग की भी स्थापना की जानी है।
तुलनात्मक धर्म स्कूल के अंतर्गत इंडोलॉजी एवं भाषा विज्ञान विभाग की भी स्थापना की जाएगी। भाषा साहित्य एवं कला स्कूल के अंतर्गत विदेशी भाषा विभाग में पाली प्राकृत, सिंघली, जापानी, तिब्बती एवं जर्मन भाषाओं के पाठ्यक्रम सांची विश्वविद्यालय अगले सत्र से प्रारंभ करेगा।
भारतीय कला केंद्र के तहत भारतीय क्लासिकल डांस, गायन तथा विरासत मैनेजमेंट के पाठ्यक्रम, एशियाई कला केंद्र के तहत मेनुस्क्रिप्टोलॉजी, आर्कियोलॉजी तथा एशियाई ड्रामा के पाठ्यक्रम भी सांची विश्वविद्यालय में प्रारंभ किए जाएंगे।
अकादमिक परिषद की बैठक में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विभाग के प्रो. के. जी सुरेश, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रो. अतनु महापात्रा, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. कुमुद शर्मा, सांची वि.वि की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता, कुलसचिव प्रो. अल्केश चतुर्वेदी, सह प्राध्यापक डॉ. नवीन मेहता व सहायक प्राध्यापक डॉ. सुष्मिता नंदी सम्मिलित हुए।