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(राजकिशोर सोनी)
चैत्र नवरात्री पर रायसेन जिले के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है मां देवी की आराधना करने के लिए भक्त मंदिरों में पहुंचने लगे हैं रायसेन से 18 किलोमीटर दूर मां छोले वाली मां शेरावाली के दरबार में भी भक्तों का लगता है मेला और हजारों की संख्या में पहुंचते है भक्त और मां के दर्शन करने से भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी।
रायसेन जिला मुख्यालय से 18 किलोमीटर की दूर सागर रोड पर मां छोले वाली माँ खंडेरा वाली मां का दरबार सजा हुआ है पिंडी रूप में मां यहां पर भक्तों को दर्शन देती हैं और दूर-दूर से भक्त मां के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं,कहा जाता है कि इस मंदिर में मां से जो भी मांगो उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्त यहां आकर जयकारा लगाते हैं और मां उनकी हर मनोकामना पूरी करती हैं। भक्त अपनी आस्था लेकर मां के चरणों में पहुंचते हैं और निसंतान लोग जिनको संतान नहीं हो रही हो वह मां के मंदिर में पहुंचकर उल्टे हाथ दीवाल पर लगाते हैं और इसके बाद झोली भरने के बाद सीधे हाथ लगाने और मां के चरणों में अपनी हाजिरी देने पहुंच जाते हैं जिले ही नही पूरे प्रदेश और देश के कोने कोने से लोग यहां माँ के दर्शन करने पहुँचते हैमां शेरावाली मां छोले वाली का दरबार लगभग 400 साल पुराना है बताया जाता है,लगभग 400 साल पहले यहां महामारी फैली थी जिसमें रोज ही कई लोग मौत के काल में समा रहे थे आलम यह था कि एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार करके ग्रामीण लोग वापस नहीं आ पाते थे उससे पहले ही दो तीन लोगों की मौत और हो जाती थी ऐसी स्थिति में एक साधु महात्मा गांव में आए और उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि यहां पर एक यज्ञ करेंगे इसके बाद महामारी चली जाएगी,वहां सूखे नारियल से यज्ञ किया और यज्ञ समाप्त होने के बाद मां छोले वाली मां खंडेरा वाली जमीन में से प्रकट हुई और उसके बाद से आज तक यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।बताया जा रहा है कि कोरोना जैसी बीमारी के जिले में सभी जगह मरीज मिले लेकिन मां की महिमा अपरंपार है और ग्राम खंडेरा में एक भी व्यक्ति कोरोना से बीमार नहीं हुआ इससे लोगों की आस्था मां के प्रति और छोले वाली मां शेरावाली के दरबार में बढ़ती ही जा रही है।



न्यूज़ सोर्स : ICN