G 20.....बुद्ध की धरा पर...अतिथियों का अभिनंदन है...

(हरीश मिश्र)
Indiacitynews.com
मोदी जी के देश में...
शिव के प्रदेश में...साल के प्रारंभ में...शीतकाल में... मौसम हुआ अनूकूल...ओस के मोती झर रहे हैं...रात ठिठुर रही हैं...चंदा चकोर से बात कर रहा है... धूप लुकाछिपी  खेल रही है ...सूरज ने अपना मार्ग बदला है... गुलाब खिलने से धरती मुस्कुराई है... गुड़ तिल की खुशबू से धरा महक उठी है...बसंत ने दस्तक दे दी है...*तब जी 20 देश के अतिथि पधारे हैं...कर्क रेखा के पास... देखने भारत का बसंत... अतिथियों का स्वागत है...वंदन है... अभिनंदन है...उस धरा पर... जहां से हुआ शांति का उद्गम  !* 

      *आज सांची से  शांति, दया, करुणा और आर्थिक विकास का संदेश... पूरे विश्व में जाएगा । यह अनूठा अनुष्ठान विश्व शांति और आर्थिक विकास का साक्षी बनेगा... बुद्ध की नीति प्रकृति का शाश्वत सत्य है... यह गति का और शांति का सूचक है।*

   बुद्ध !! शांति के अग्रदूत थे...समाज के हर पहलू से जुड़े हुए थे... उनके विचार... उनके दर्शन... मानव कल्याण के लिए थे... जो उनका महान मानवीय गुण था... अहिंसा का अर्थ उनके लिए करुणा और प्यार था... उनके विचार आज भी विश्व शांति के लिए युगांतकारी विचार हैं...शांति में ही समाधान नजर आता है ।

   *इसलिए दुनिया को  उम्मीदें... आकांक्षाएं... सपने आशाएं...सब कुछ  भारत से है... जी-20 देशों के बदलाव का प्रमुख कारक भारत की धरा होगी...तो आइए! शांति का... आर्थिक विकास का दिव्य घोष करें...*

 

न्यूज़ सोर्स : Icn