रूह कंपा देने वाली कड़ाके की ठंड में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज ने जंगल में रात्रि विश्राम किया..
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आचार्य श्रेष्ठ गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज 79 वर्ष की उम्र में इतनी कड़ाके की ठंड में भी दिगंबर अवस्था को धारण किये हुए किसी सिंह के समान विचरण कर रहे है जिस उम्र में लोग थक जाते है उसी उम्र में वे संघ नायक बनकर ज्ञानार्जन कराते हुए साधना की प्रखरता को अत्यंत प्रगाढ़ बना रहे है दिन तो जैसे तैसे कट जाता है पर रात्रि में विश्राम करना बड़ा ही मुश्किल वाला काम है क्योंकि आचार्यश्री ना तो चटाई बिछाते है और ना ही ओढ़ते है और अनजाने स्थानों पर रात्रि विश्राम के लिये मिलने वाला कमरा ऐसा नही होता जिसमे बगैर कपड़ो के लकड़ी के तख्त पर सोया जा सके किन्तु अपनी साधना के प्रभाव से स्वयं आचार्यश्री विश्राम करते है बल्कि समस्त मुनि संघ भी वैसी ही प्रतिकूल परिस्थितियों में अनुकूलता मानते हुए विश्राम करता है..
न्यूज़ सोर्स : Icn