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रायसेन जिले में जिकित्सा हेल्थ केयर लिमिटेड कंपनी की जननी एक्सप्रेस 108 एंबुलेंस कर्मचारी ने संवेदनहीनता की सारी सीमाएं लांघ दी। एंबुलेंस चालक ने एक आकस्मिक गर्भपात हुई महिला को उसके घर से जिला अस्पताल लाया। महिला को 3 महीने का अचानक गर्भपात हो गया था जिस कारण ब्लडिंग हो रही थी। इसके बाद अस्पताल पहुंचने पर वह महिला के साथ आई सविता बाई अपने मरीज को भर्ती कराने के लिए परेशान थी तो दूसरी तरफ एंबुलेंस चालक उससे एंबुलेंस की सफाई करवाने का दबाव बनाने लगा। इस बीच मजबूरन महिला को पहले गाड़ी की सफाई करनी पड़ी। फिर वार्ड में भर्ती मरीज के पास गई।अब देखने वाली बात होगी कि 108 एंबुलेंस कर्मी के ड्राइवर पर क्या कार्रवाई होती है।जिला अस्पताल पहुंचने पर चालक ने एंबुलेंस रोकी। फिर मरीज के उतरने के लिए दरवाजा खोला। देखा कि उसमें प्रसूता को ब्लडिंग हो गई थी। उसने कहा पहले साफ करो फिर जाना। हालांकि, महिला मरीज पीड़ा से छटपटा रही थी। फिर भी एंबुलेंस चालक ने मरीज के परिजन महिला को सफाई कराने के बाद ही जाने दिया।उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट झेल रहे देश में जरूरतमंदों की मदद के लिए इंसानियत की कई मिसाल रोज सामने आ रही है। सेवा भाव में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस सबसे आगे है। उनकी छवि भी पूरी तरह बदल गई है। लेकिन, इन सब के बीच एक

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