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जैन अनुयायियों के 20वें तीर्थंकर श्री 1008 मुनि सुब्रत नाथ भगवान का जन्म एवं तप कल्याणक श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया समाज के प्रचार-प्रसार व्यवस्थापक राकेश जैन ने बताया कि भगवान के पिता का नाम सुमित्र एवं माता का नाम पद्मा था राजगृह में आपका जन्म हुआ और निर्वाण जैनियों के सबसे बड़े तीर्थ शिखरजी में हुआ इस अवसर पर शांति धारा की पहली बोली श्री 1008 पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर के अध्यक्ष नरेंद्र जैन ने ली दूसरी बोली श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर के सदस्य मिलन जैन ने प्राप्त की मंगलाष्टक एवं शांति धारा पाठ कुंदन लाल जैन द्वारा पढ़ा गया

 

न्यूज़ सोर्स : Icn