(सुनील सोन्हिया द्वारा लिया गया साक्षात्कार)
India city news.com
अक्सर नारी चित्रकार पुरुष के सौंदर्य मानक से अभिभूत नजर आती है चुनिंदा महिला चित्रकार वैचारिक स्तर पर स्वतंत्र स्त्री दृष्टि को अपनी कला में अभिव्यक्त करते नजर आती हैं ज्यादातर महिला चित्रकार अपनी कलाकृतियों में अपने अस्तित्व और अस्मिता से संघर्ष को दिखाती हैं। वास्तविक समाज में व्याप्त नारियों के दुख संघर्ष की गाथा को प्रकट करने की कोशिश करती रहती है यह कहना है युवा चित्रकार अनिमा कोनाई का अनिमा आर्ट के क्षेत्र में उभरती चित्रकार है जिनकी चित्र शैली लोक कला के साथ साथ नारी की ममता दया, शांत स्वभाव एवं महत्वाकांक्षा का मनोहर चित्रण करती हुई दिखाई देती है ।पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में जन्मी अनिमा की शिक्षा दीक्षा कोलकाता में हुई अनिमा ने पेंटिंग एविएशन, टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी में डिप्लोमा किया है स्कूल के दिनों में चित्रकारी का शौक था तो उनकी मां ने उनकी रूचि को देखते हुए डेली लाइफ से जुड़ी चीजों पर आर्ट वर्क करने का और उसके बाद उन्हें आर्ट स्कूल में ज्वाइन करा दिया अनीमा बताती हैं कि उनकी मां कहां करती है कि बच्चों को जिस कार्य में रुचि हो वह अवश्य करना चाहिए उन्होंने मुझे स्ट्रॉन्ग किया। अनिमा ने चित्रकारी में नारी के विभिन्न रूपों को प्रस्तुत करने का प्रयास किया है पश्चिम बंगाल और जयपुर में उनके चित्रों की प्रदर्शनी को बहुत सराहा गया और उन्हे सम्मानित भी किया गया वर्तमान में भोपाल को अपना कर्म क्षेत्र बनाने वाली अनिमा अपने द्वारा बनाए गए चित्रों की एक व्यापक प्रदर्शनी लगाने वाली है

न्यूज़ सोर्स : Icn