जैन समाज द्वारा शहर में घूमते पशुओं के कंठ की प्यास बुझाने रखे जलपात्र
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रायसेन जैन समाज द्वारा शहर में घूमते पशुओं के कंठ की प्यास बुझाने के लिए बड़े स्तर पर जल पात्रों को रखने का काम चालू हो गया है समाज के प्रचार प्रसार व्यवस्थापक राकेश जैन ने बताया कि रायसेन जैन समाज ने अपने प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ जिनको अक्षय तृतीया पर 404 दिन बाद आहार मिले थे उस उपलक्ष में समाज द्वारा पशुओं के कंठ की प्यास बुझाने का अभियान शुरू किया इस अभियान के तहत शहर के विभिन्न हिस्सो में जल पात्र रखे जाएंगे इसकी शुरुआत समाज ने आज से कर दी है आज 5 वार्डो में पांच जल पात्र रखे गए और उन में जल दान भी किया गया है इसमें जैन समाज को तो मुख्य भूमिका निभाई रही है अन्य समाज के लोग भी आगे बढ़ आए हैं और उन्होंने अपने घरों के सामने जलपात्र रखवा कर जलदान करने का नियम लिया है इस प्रकार समाज ने अट्ठारह जल पात्रों का निर्माण कराया है जो बारी-बारी से विभिन्न स्थानों पर रखे जाएंगे