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रायसेन दुर्गा चौक के समीप श्री 1008 पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में जैन अनुयायियों के तीसरे तीर्थंकर श्री 1008 संभव नाथ भगवान का निर्वाण उत्सव मनाया गया उक्त आशय की जानकारी देते हुए समाज के प्रचार प्रसार व्यस्थापक राकेश जैन बताया कि माता सुषेणा और पिता द्रणराज के यहाँ भगवान संभव नाथ जी का जन्म श्रावस्ती नगरी में हुआ था और मोक्ष चेत्र शुक्ल शष्ठी के दिन मोक्ष प्राप्त हुआ था इस अवसर पर शांति धारा की पहली बोली राजेंद्र जी एवं दूसरी बोली नीरज जैन ने प्राप्त की भगवान को बोली लेकर बेदी पर विराज मान करने का सौभाग्य राकेश जैन और अभिषेक जैन को प्राप्त हुआ मंगलाष्टक नरेंद्र जैन एवं शांति धारा पाठ सुलोचना देवी जैन द्वारा पड़ा गया

न्यूज़ सोर्स : Icn