'लक्ष्मण रेखा का खयाल' कोर्ट के फैसलों के प्रति बेरुखी अच्छी नहीं, सीजेआई बोले- पीआईएल बनीं, पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन
India city news.com
देश के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एनवी रमण ने कहा कि अदालतों के फैसलों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर उनका पालन नहीं करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
देश के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने देश के संविधान में लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की शक्तियों के विभाजन का जिक्र करते हुए इनके द्वारा कर्तव्यों के निर्वहन के दौरान 'लक्ष्मण रेखा' का ध्यान रखने पर जोर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने अदालती फैसलों के पालन में बेरुखी पर असंतोष भी प्रकट किया।
विज्ञान भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में आयोजित मुख्यमंत्रियों और हाईकोर्टों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन में जस्टिस श्री रमण ने कहा कि अदालतों के फैसलों के बावजूद सरकारों द्वारा जानबूझकर उनका पालन नहीं करना लोकतंत्र की सेहत के लिए अच्छा नहीं है। सीजेआई ने जनहित याचिकाओं (PIL) के दुरुपयोग पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह अब पब्लिक इंट्रेस्ट पिटीशन की बजाए 'पर्सनल इंट्रेस्ट लिटिगेशन' बनकर रह गई हैं। पीआईएल का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए किया जाने लगा है।

न्यूज़ सोर्स : Sm