(कथा मंडप से सत्येंद्र जोशी एवं शिवलाल यादव की रिपोर्ट)

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रायसेन। शहर के दशहरा मैदान में चल रही शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन आज अंतरराष्ट्रीय कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा कि हमेशा सत्य का साथ दो और सत्य बोलो। क्योंकि मंथरा के एक झूठ से केकई ने भगवान श्री राम को वनवास भेज दिया था। गुरु जी ने इस प्रसंग को बड़े ही सुंदर तरीके से बताते हुए भजन प्रस्तुत किया। इसमें विधाता अजब लिखी तकदीर " तूने अजब लिखी तकदीर" होना था अभिषेक राम का, वन को गए रघुवीर "विधाता तूने अजब लिखी तकदीर, इसके अलावा दूसरे प्रसंग में गुरु जी कहते हैं की ब्रह्मा जी के झूठ बोलने पर भगवान शिव ने काल भैरव को प्रकट किया और काल भैरव ने ब्रह्मा जी का सिर धड़ से अलग कर दिया। इससे भगवान शंकर को ब्रह्म हत्या का पाप लगा। इस प्रसंग में भी गुरुजी ने शानदार तरीके से श्रोताओं को बताया कि हमको अच्छे कर्म करना चाहिए। कर्म के अनुसार ही सुख-दुख की प्राप्ति होती है। मनुष्य संत से ना डरे चलेगा। बड़ों से ना डरे चलेगा। और तो और भगवान से ना डरे चलेगा। पर बुरा कर्म किया तो बचेगा नहीं। इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में भी उसे कर्मों का फल भोगना ही पड़ेगा।

गौ माता के गोमूत्र और गोबर से पवित्र होता घर आंगन

अमरनाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित की गई कथा में सीहोर वाले पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने आज कथा के दूसरे दिन गौ माता का शानदार वर्णन करते हुए कहा कि गौ माता की पूजा करें। गेट पर गौ माता आती है, कम से कम एक रोटी अवश्य दें। गौ माता गेट पर गोमूत्र कर दे, समझो आपका घर पवित्र हो गया। गौ माता का शानदार वर्णन करते हुए गुरु जी ने ऋषि कश्यप की कथा को बड़े ही शानदार तरीके से बताई। इसमें गुरुजी ने कहा कि ऋषि कश्यप की एक गलती की वजह से उन्हें दूसरे जन्म में वासुदेव बनना पड़ा और अपने पुत्र के वियोग का दुख सहन करना पड़ा।

बिना गाय के यज्ञ नहीं - प्रदीप मिश्रा जी

कथा में गुरु जी ने ब्राह्मणों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले यज्ञ में बिना गाय को बांधे और उसके गोबर से लिपि बगैर यज्ञ नहीं होता था। पर आज गोबर मंगा लेते हैं लिप कर याद हो जाता है। गौ माता में 33 करोड़ देवताओं का वास होता है। इसलिए गौ माता की रज से ना सिर्फ घर आंगन पवित्र हो जाता है। बल्कि यज्ञ में गौ माता को लाने से 33 करोड़ देवताओं का वास हो जाता है। पंडित श्री मिश्रा जी ने गौ माता पर आज शानदार वर्णन करते हुए लोगों को गो पूजा के विषय में बताया और कहा कि भक्ति चित मन लगाकर की जाए वही भक्ति होती है।

 

इंसान को हमेशा झूठ छल कपट फ़रेब से बचना चाहिए-पण्डित प्रदीप मिश्रा, कथा सुनने शिवभक्तों को सोमवार को इस कदर भीड़ उमड़ी 30 हजार क्षमता वाला पंडाल भी छोटा पड़ गया

रायसेन।मनुष्य को हमेशा झूठ छल कपट और फ़रेब से बचना चाहिए।धोखाधड़ी और रिश्वतखोरी से कमाया धन से उनकी औलाद बिगड़ जाती है।व्यक्ति को सच बोलना चाहिए।परनिंदा से बचना चाहिए क्योंकि यह यह इंसान की बुद्धि को नष्ट कर देती है।यह विचार कुबरेश्वर धाम सीहोर के अंतरराष्ट्रीय शिवमहापुराण कथा वाचक पण्डित प्रदीप मिश्रा ने श्री अमरनाथ सेवा समिति रायसेन द्वारा दशहरे ग्राउंड में आयोजित त्रिपुंड शिव महापुराण कथा के दूसरे दिवस सोमवार को व्यक्त किए।शिव महापुराण कथा रोजाना दोपहर 2 से 5 बजे तक आयोजित की जा रही थी।सोमवार को दोपहर श्रद्धालुओं की भीड़ इतनी उमड़ पड़ी कि 30 हजार श्रद्धालुओं के बैठक व्यवस्था वाला पंडाल भी कम पड़ गया।कथा के मुख्य जजमान नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ एसी अग्रवाल उनकी धर्मपत्नी बनीं।संचालन आशीष वर्मा ने किया।आयोजन समिति के दिनेश अग्रवाल वैभव अग्रवाल प्रदीप राठौर प्रवीण मिश्रा ,अभिषेक राठौर,राजू सक्सेना का व्यवस्था बनाने में अहम योगदान दिया।
यह सुधरे तो समझो राष्ट्र सुधर जाएगा.....
पण्डित मिश्रा ने व्यास गादी से पांच लोगों को नसीहत देते हुए बोले कि फ़िल्म अभिनेता, पत्रकार, नीतिकार सलाहकार और कथा वाचक अपने कार्यों में सुधार लाएं तो सारा देश जाएगा।इंसान ने मन वचन और चित्त को अगर बदल दिया तो सबकुछ बदल सकता है।जहाँ गाय नहीं मैं वहां गोपाला कहाँ से लाऊं।गाय ,पशु और पक्षी वहीं जाते हैं जहां पेट भरने के लिए दाना चारा पानी मिलता है।कश्यप ऋषि को अपने बुरे कर्मों पापों की सजा अगले जन्म में वासुदेव को कंस के कारागार में औलाद के लिए तड़पते हुए बीता।बुरे कर्मों की सजा इंसान तो इंसान भगवान को भी मृत्युलोक में इंसान के रूप में जन्म लेकर भुगतना पड़ता है ।
भजनों पर जमकर झूमे नाचे श्रद्धालु.....
विधाता तू ने अजब लिखी .....तकदीर तेरा शुक्रिया है जैसे शिवभजनों पर श्रद्धालु कथा पंडाल में गीत संगीत के बीच जमकर झूमे नाचे।एक झूठ व्यक्ति का राजपाट वैभव यश कीर्ति सबकुछ बिगाड़ कर रख देती है।दासी मंथरा ने रानी कैकयी के कानों में झूठ बोलकर सत्यानाश कर दिया था अयोध्या नगरी का।एक झूठ ने राजाराम को राज्याभिषेक होने से पहले वनवासी बनाकर 14 बरस तक वनवास काटने जंगल में जाना पड़ा था।यह सबकुछ विधाता ने राम की किस्मत में चंद्र लकीरों से लिख दिया था।किसी का दिल दुखाकर भी कोई ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे वह परेशान हो उठे।उन्होंने शिवकथा को ऊंचाइयां देते हुए आगे कहा कि यदि भगवान भोले शंभु के मंदिर में धोखे से भी झूठ बोली तो इंसान का बुढापा बिगड़ जाएगा।

न्यूज़ सोर्स : ICN