संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को चौबीस अवतार के साथ समुद्र मंथन की कथा सुनाई/पंडित श्री शिवराज कृष्ण जी शास्त्री
संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को चौबीस अवतार के साथ समुद्र मंथन की कथा सुनाई,पंडित श्री शिवराज कृष्ण जी शास्त्री
India city news.com
सतीश मैथिल सांचेत
सांचेत कस्बा सांचेत में प्राचीन मां हिंगलाज दुर्गा मठ में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन शुक्रवार को कथा वाचक पंडित श्री शिवराज कृष्ण जी शास्त्री द्वारा 24 अवतार व समुद्र मंथन की कथा सुन मंत्रमुग्ध हुए लोग पंडित श्री शिवराज कृष्ण शास्त्री जी ने भगवान के चौबीस अवतारों की कथा के साथ-साथ समुद्र मंथन की बहुत ही रोचक एवं सारगर्भित कथा सुनाते हुए कहा कि यह संसार भगवान का एक सुंदर बगीचा है। यहां चौरासी लाख योनियों के रूप में भिन्न- भिन्न प्रकार के फूल खिले हुए हैं। जब-जब कोई अपने गलत कर्मो द्वारा इस संसार रूपी भगवान के बगीचे को नुकसान पहुंचाने की चेष्टा करता है तब-तब भगवान इस धरा धाम पर अवतार लेकर सजनों का उद्धार और दुर्जनों का संघार किया करते हैं
समुद्र मंथन की कथा सुनाते हुए कहा कि मानव हृदय ही संसार सागर है। मनुष्य के अच्छे और बुरे विचार ही देवता और दानव के द्वारा किया जाने वाला मंथन है। कभी हमारे अंदर अच्छे विचारों का चितन मंथन चलता रहता है और कभी हमारे ही अंदर बुरे विचारों का चितन मंथन चलता रहता ।
देवता की जीत से जीवन में सुखी हो जाता हैं पंडित शिवराज कृष्ण शास्त्री ने बताया कि जिसके अंदर के दानव जीत गया उसका जीवन दु:खी, परेशान और कष्ट कठिनाइयों से भरा होगा और जिसके अंदर के देवता जीत गया उसका जीवन सुखी, संतुष्ट और भगवत प्रेम से भरा हुआ होगा । इसलिए हमेशा अपने विचारों पर पैनी नजर रखते हुए बुरे विचारों को अच्छे विचारों से जीतते हुए अपने मानव जीवन को सुखमय एवं आनंद मय बनाना चाहिए । कथा के प्रारंभ में श्री भागवत भगवान का पूजन कर आरती उतारी गई और कथा सहयोगी पंडित श्री अरुण कुमार शास्त्री जी पंडित श्री नितेश शर्मा जी महंत श्री पहलाद गिरी जी महाराज, कथा के बीच बीच में कथावाचक श्री शिवराज कृष्ण जी शास्त्री ने भागवत भजन के द्वारा माहौल को भागवत मय एवं भक्ति मय बना दिया।कथा कथा सुनने के लिए सांचेत सहित आस पास के लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही है
इस अवसर पर कथा आयोजक पंडित श्री अरुण कुमार जी शास्त्री ने बताया कि मां हिंगलाज दुर्गा मठ प्राचीन मंदिर है मध्यप्रदेश में में मां हिंगलाज माता के दो ही मंदिर हैं एक रायसेन जिले कर बाड़ी मैं ओर एक रायसेन जिले के सांचेत में है मेरी बहुत दिनों से दिल से इच्छा थी कि मैं मां हिंगलाज दरबार में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन करवाऊ और आज ए संकल्प मेरा माता रानी कृपा से पूर्ण हुआ।