शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यो भुगते,कैलाश विजयवर्गीय का शिवराज से प्रश्न,
(राजकिशोर सोनी)
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कैलाश का शिव से प्रश्न,शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यो भुगते
माननीय शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश
सादर बंदे,
आदरणीय 28 फरवरी 2022 को सीहोर में जो कुछ हुआ उसे सुन कर अत्यंत पीड़ा और वेदना पहुंची। सीहोर जिला प्रशासन की अकर्मण्यता से मेरे जैसे कई सनातनियों को आघात पहुंचा है। विगत 17 वर्षों से आप इस प्रान्त के मुखिया है। आखिर ऐसी कौनसी विपदा आ गई थी कि पंडित प्रदीप मिश्रा पर इतना दबाव बनाया गया कि उन्हें भारी मन से कथा को समाप्त करना पड़ा।
आदरणीय, भोपाल में इज्तिमा का आयोजन होता है। लाखों लोग शामिल होते हैं। कई मंत्रियों को जाम में फंसना भी पड़ता है। लेकिन ऐसा कभी सुनाई नहीं दिया कि इज्तिमा रोक दिया गया हो। क्या सीहोर का प्रशासन
इतना नाकारा था कि इस आयोजन की सूचना होने के बावजूद व्यवस्था जुटाई नहीं जा सकी ? क्या जिम्मेदार अधिकारी इतने अदूरदर्शी थे कि वो भांप नहीं सके कि 11 लाख रुद्राक्ष का अनुष्ठान है तो श्रद्धालुओं की आवाजाही भी रहेगी? क्या सीहोर के प्रशासनिक अमले की इतनी हिम्मत है कि वो इतना बड़ा निर्णय कर ले ? शिवराज जी ऐसे अनगिनत सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं। ये आपकी ही दूरदर्शिता थी कि अल्प समय
में कुंडलपुर में आयोजित पंच कल्याणक महोत्सव इस सदी का अभूतपूर्व आयोजन रहा। आपके ही कार्यकाल में
सिंहस्थ जैसा भव्य और दिव्य आयोजन हुआ।
शिवराज जी सीहोर के अकर्मण्य प्रशासन के कारण आपकी छवि पर भी असर पड़ रहा है। आपको यह सब अवगत कराने में भी कष्ट और पीड़ा हो रही है। सीहोर का प्रशासन इस तरह से निकृष्ठ साबित होगा ये कल्पना से परे है।
मेरा आपसे यही आग्रह है कि मेरे और आप जैसे सनातनी तो शिव के अनुगामी है भगवान शिव ने जैसे विषपान किया वैसे हम भी कर लेंगे। किंतु शिवरात्रि के महापर्व पर देश भर से आए शिव भक्तों की क्या गलती थी गलती तो शुद्ध रूप से सीहोर प्रशासन की है। सीहोर प्रशासन को जाकर श्री प्रदीप मिश्रा जी से माफी मांगना चाहिए और कथा पुनः प्रारंभ हो होना चाहिए। मेरी दृष्टि में शिवराज के राज में प्रशासन की गलती की सजा शिवभक्त क्यो भुगते। मुझे विश्वास है आप प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे तथा कथा पुनः प्रारंभ हो ऐसा प्रयास कराएंगे।