CM शिबराज से कहा सब दिवाली मना रहे हैं और भगवान शंकर कैद है -पंडित प्रदीप मिश्रा जी कथा के चलते ही ताले खुल जाए तो बहुत अच्छा है
(सत्येंद्र जोशी)
अमरनाथ सेवा समिति द्वारा आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा का आज तीसरा दिन।
रायसेन। शिव महापुराण कथा मैं आज पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया। गुरु जी ने कहा कि आप दीपावली मना रहे हो और भगवान शंकर सोमेश्वर धाम किले पर मंदिर में कैद है। उन्होंने कहा सन 74 से एक दिन के लिए शिव मंदिर के द्वार खुलते हैं। 12 महीने शिव मंदिर बंद रहता है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा कि हे शिवराज जी, हे मामा जी में आह्वान करता हूं कि आप यदि सच्चे शिव भक्त हैं तो मामा जी शिव मंदिर के द्वार लोगों के लिए खोल दीजिए। और मैं तो यह कहूंगा कि कथा समाप्त होने से पहले शिव मंदिर के द्वार खुल गए तो मैं आपको सच्चा शिवभक्त मानूंगा। उन्होंने कहा कि जहां आप भगवान शिव के भक्त हैं वही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा जी और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी भी सनातनी है तो आइए इस पुनीत कार्य में मदद कीजिए और शिव मंदिर के द्वार लोगों के लिए खोल दीजिए। गुरुजी के इन वचनों से लोग हो उठे और तालियां बजाने लगे। और लोगों ने जमकर शिव जी के जय घोष लगाए। पूरा पांडाल शिव घोष से गूंज उठा। आस्था चैनल के माध्यम से सनातनी नेताओं से आह्वान किया है कि किले के द्वार जल्दी खोले जाएं। धन्य है रायसेन की धारा, धन्य है रायसेन की धरती। जहां पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी के चरण पड़े। और धन्य है अमरनाथ सेवा समिति जिन्होंने गुरु जी की कथा का आयोजन कर लोगों को ना सिर्फ धर्म से जोड़ दिया बल्कि शिव मंदिर किले के द्वार खुलवाने के लिए आवाज उठाई। गुरु जी ने आज कथा के तीसरे दिन माता सती की कथा बहुत ही सुंदर तरीके से वर्णन की। वहीं उन्होंने कथा में कहा कि लोग संसार बालों के आगे झुकते हैं। यदि सबसे पहले भगवान के आगे झुक जाए तो दुख कम हो जाएगा। अपने दिल की बात देवताओं को बताएं। उन्होंने कहा जो लोग आपका वैभव, सत्ता देखकर आप से जुड़ते हैं। आपके घर आते हैं, वह कभी सुखी नहीं रह सकते। इस पर उन्होंने सुंदर तरीके से गुलाब जामुन और गुलाब के फूल का वर्णन करते हुए कहा कि गुलाब का फूल भगवान के चरणों में चढ़ता है और गुलाब जामुन पेट में जाती है। इस पर भी उन्होंने सुंदर कथा का वर्णन किया। उन्होंने कहा जिस घर में माता-पिता का सम्मान होता है वहां लक्ष्मी का वास होता है। बुजुर्गों का सम्मान होता है। लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए बड़ों का आदर करें सम्मान करें।
झूठे नाते झूठा है संसार, सब देख लिया संसार, एक सहारा तेरा शंभू बाकी सब बेकार, इस भजन पर भक्तजन नृत्य करने पर विवश हो गए।
इस भूमि पर देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं
कथा के तीसरे दिन पंडित श्री मिश्रा जी ने कहा कि यह वह पावन भूमि है। जिस भूमि पर देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं। उन्होंने रायसेन को शानदार नगरी बताते हुए कहा कि यह वह नगरी है जहां चारों तरफ शिव आराधना होती है। शिव जी के अत्याधिक मंदिर है। इतने मंदिर कहीं और नहीं है। इसलिए शिव आराधना सच्चे मन से करें और अपने परिवार का बच्चों का विकास करें।
रायसेन को राजा तोरणमल की नगरी बताया
पंडित श्री मिश्रा जी ने कथा में रायसेन नगर को राजा तोरणमल की नगरी बताया। गुरुजी ने कहा कि राजा तोरणमल और उनकी पत्नी रत्नावली शिव उपासक थे। यह भूमि कोई साधारण भूमि नहीं है। रायसेन के आसपास अत्यधिक शिवालय हैं जो दुनिया में कहीं देखने को नहीं मिलते। उन्होंने रायसेन के राजा तोरणमल की पत्नी रत्नावली को काफी सुंदर बताया और इतिहास के पन्नों को दोहराते हुए शेर शाह सूरी की कहानी भी बताई।