शबरी ने भगवान राम को पति समझ लिया था इसलिए अगले जन्म में सत्यभामा बनी
कण-कण में शिव है- पंडित श्री मिश्रा जी
सत्येंद्र जोशी
रायसेन। शहर के दशहरा मैदान में चल रही शिव महापुराण कथा के चौथे दिन आज अंतर्राष्ट्रीय पंडित प्रदीप मिश्रा जी ने कहा कि भक्तों के द्वारा एक लोटा जल चढ़ाने से जो प्रसन्न हो जाए वह शिव है। इसलिए शिव को लगातार 1 महीने तक जल चढ़ा कर तो देखो। आपका काम ना बन जाए, आपके सारे काम ना हो जाए तो कहना। उन्होंने शिव की महिमा बड़े सुंदर तरीके से बताते हुए कहा कि एक समय राहु की पत्नी सिम्मी ने राहु से पूछा शिव के मस्तक पर आप भी विराजमान है और चंद्रमा भी, जबकि आपकी राक्षसी प्रवृत्ति होने के बावजूद सिर्फ आपको स्वीकार कैसे कर लिया। इस पर गुरु जी ने शानदार तरीके से इस कथा का वर्णन किया। शिव के जटाओं में सभी समाए हैं। उन्होंने इस कथा में "दिल मेरा तेरे हवाले ओ काशी वाले"ओ डमरू वाले" इस भजन पर लोग खुश होकर नाचने लगे" गुरुजी ने कहा दवाई की इतनी सी गोली जब शरीर को ठीक कर देती है तो कथा क्यों नहीं कर सकती।जब जरा सी गोली शरीर के अंदर जाते ही नसों के अंदर फैलते ही शरीर को स्वस्थ कर देती है। वैसे ही शिव महापुराण की कथा जरा सी भी कानों में चली जाए तो मन को पवित्र कर देती है। गोली से बढ़कर है शिव महापुराण कथा है। इसलिए उसका श्रवण करते रहे। आपका जीवन का कल्याण हो जाएगा। शिव महापुराण की कथा दिल से 2 बार सुन लो। कल्याण हो जाएगा। गुरुजी ने कहा शंकर कथा बार-बार सुने और रात में नींद नहीं आए तो मोबाइल चालू करके सुन लीजिए।
शबरी ने भगवान राम को पति समझ लिया था इसलिए अगले जन्म में सत्यभामा बनी
श्री राम के आने का इंतजार कर रही शबरी ने जब राम जी को देखा तब उनके मन में आया जैसे मैं शादी के मंडप में बैठी थी वैसे ही मेरे पति के जैसा कोई आ रहा है। श्री राम को दूर से देख कर ही सबरी ने उन्हें पति के रूप में देख लिया। इसलिए भगवान ने उन्हें माता नहीं कहा। इसलिए शबरी अगले जन्म में सत्यभामा बनी। भगवान कृष्ण ने उन्हें स्वीकार किया। शिव महापुराण जो सुनता है, राम कथा जो सुनता है, भागवत कथा जो श्रवण करता है उसके जीवन में बदलाव आता है।
कोरोना महामारी में उजड़ गए सैकड़ों घर
करोड़ों का धन तुम्हारे पास में करोड़ों की संपदा है और रोकने के लिए तो धन किसी काम का है क्या बोलिए तो रायसेन वालों वह संपदा किस काम की है कोरोनावायरस की दूसरी लहर जब आई थी खूब पैसा था लोगों के पास तो भी हाथ जोड़कर डॉक्टर बोल रहे थे एक पलंग दिलवा दो 1 पॉइंट ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दीजिए कितने करोड़पति थे कितने लोग थे कहते थे इन्हें बचा लीजिए ऐसे ऐसे लोग चले गए पैसा कुछ काम नहीं आया। शिव नाम का जाप करते हैं शंकर का अनुमोदन करते हैं शिव को दिया गया समय शंकर को दिया ₹1 संपर्क किया है समर्पण एक न एक दिन बुरे वक्त में काम आएगा।
स्वस्थ रहने के लिए सूर्यदेव को चढ़ाना शुरू कर दो। सूर्य की जो किरणें होती हैं वह शरीर को स्वस्थ कर देती हैं। सूर्य को जल देना शुरू के लिए धीरे धीरे शुगर लेवल कम हो जाएगा 15 से जल्दी तुम्हारा सूर्य भगवान भी आपके और सूर्य भी बड़ी बीमारी के लिए रविवार का दिन शुभ रहता है सूर्य को अर्ध्य देने के लिए।
सूर्य को अर्घ्य देना शुरू करेंगे तो किसी मां की गोद नहीं
राजगढ़ जिले से आई कथा सुनने चंचल नामदेव ने लिखा पत्र
चंचल नामदेव पचोर कथा सुनने आई मेरे पति को शुगर रहती थी हमने बहुत इलाज करवाया खूब दवाइयां चल रही थी 7 से 8 महीने हो गए थे, दवाई खाते आराम नहीं हो रहा था, मैंने पशुपति व्रत करना प्रारंभ किया और सूर्य को अर्घ्य देना प्रारंभ किया गुरुदेव शुगर लेवल नॉर्मल हो गया दवाई छूट गई।
कैंसर की गठान ठीक हुई
विदिशा से कथा सुनने रायसेन आई तन्वी सक्सेना ने गुरुजी को पत्र लिखा इसमें उल्लेख किया कि मेरी बुआ को गठान हो गई थी। डॉक्टरों ने कैंसर बताया था। मैंने कथा में मंत्र सुना और सुनने के बाद बुआ के लिए मंत्र का जाप किया। बुआ को भी मैंने श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्तुभ्यं का जाप कराया उसका फल मुझे क्या मिला। मेरी बुआ के गठान का ऑपरेशन हुआ और जब गठान जांच के लिए मुंबई गई वहां से आया इसे कैंसर नहीं है। यह शंकर है श्री शिवाय नमस्तुभ्यं गुरु जी ने कहा जो भगवान को बेलपत्र अर्पित करता है। शहद लगाकर बेलपत्र देता है तो उसकी कितनी भी खराब किस्मत हो। उसके जीवन में बदलाव आता है और वह सुधर जाता है। उसका जीवन सफल हो जाता है। हमारे लिए हम ही को करना है। कोई दूसरा नहीं करेगा। इसलिए खुद के कपड़े के बटन खुद लगाएं। अपने जीते जी भगवान की उपासना करें।